विचाराधीन मामलों में पुलिस के अनधिकृत हस्तक्षेप पर लगाम, सरकार ने जारी किए 15 सख्त दिशा-निर्देश

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
On

इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में बड़ा फैसला, अधिवक्ताओं और याचकों को मिलेगा संरक्षण

प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस द्वारा विचाराधीन मामलों में अनधिकृत हस्तक्षेप रोकने के लिए 15 बिंदुओं पर आधारित कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब पुलिस अधिकारी बिना सक्षम प्राधिकारी या न्यायालय की पूर्व अनुमति के याचियों, शिकायतकर्ताओं या उनके अधिवक्ताओं से संपर्क नहीं कर सकेंगे।

किस मामले में हुई यह कार्रवाई : यह आदेश एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सामने आया, जिसमें जौनपुर निवासी 90 वर्षीय याची ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें याचिका वापस लेने के लिए दबाव डाला और बदले की भावना से उनके घर पर छापा मारा।

हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी : हाईकोर्ट ने अधिवक्ताओं को निशाना बनाने की प्रवृत्ति की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं व याचकों को डराने की घटनाएं लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। कोर्ट ने कहा कि विचाराधीन मामलों में पुलिस का सीधा हस्तक्षेप अस्वीकार्य है।

प्रमुख दिशा-निर्देशों की झलक
  • पुलिस अधिकारी बिना न्यायालय की अनुमति याचकों/अधिवक्ताओं से संपर्क नहीं करेंगे।
  • सिविल या संपत्ति संबंधी मामलों में थाना पुलिस बिना अनुमति हस्तक्षेप नहीं करेगी।
  • अधिवक्ताओं के विरुद्ध कोई भी कार्रवाई केवल सक्षम अधिकारी की लिखित अनुमति से ही होगी।
  • सभी संवाद सरकारी अधिवक्ता के माध्यम से ही किए जाएंगे।
  • सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के अंतरिम आदेशों का सख्ती से पालन होगा।

कोर्ट की टिप्पणी : न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की एकलपीठ ने इन दिशा-निर्देशों को “प्रशंसनीय” बताया, लेकिन साथ ही आशंका भी जताई कि "ये भी अन्य आदेशों की तरह फाइलों में धूल फांक सकते हैं।" कोर्ट ने अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता को इन निर्देशों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ठोस सुझाव प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

अगली सुनवाई की तारीख : मामले को 31 जुलाई 2025 के लिए सूचीबद्ध किया गया है। तब तक सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन दिशा-निर्देशों का पालन केवल कागजों तक सीमित न रहे, बल्कि जमीनी स्तर पर अमल में भी लाया जाए।

यह भी पढ़ें:-हेट स्पीच मामले में अब्बास अंसारी को राहत मिलेगी या नहीं? हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

संबंधित समाचार