बदायूं: नियम विरुद्ध जीपीएफ निकालने वाले वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से होगी रिकवरी
बदायूं, अमृत विचार। डीडीओ कार्यालय के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी नियम विरुद्ध जीपीएफ निकालते रहे। खाता निल न हो इसके लिए निकाली गई धनराशि की एंट्री ही पासबुक में नहीं की। महालेखाकार प्रयागराज का पत्र मिलने पर हुई जांच में मामला सामने आया। जिसकी सीडीओ द्वारा तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा जांच कराई। जांच रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है। अधिकारी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से निकाली गई धनराशि की ब्याज सहित रिकवरी करने की बात कह रहे हैं।
जीपीएफ एक बचत योजना है जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। इसलिए, जीपीएफ से पैसे निकालते समय नियमों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है। जरुरत पड़ने पर कर्मचारी द्वारा जमा धनराशि से 75 प्रतिशत धनराशि निकाल सकते हैं। जिसे उन्हें 2.5 प्रतिशत ब्याज के साथ जमा करना होता है। लेकिन डीडीओ कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी जीपीएफ खाते से धनराशि निकालते रहे। उसे जमा तक नहीं किया।
यह सारा खेल वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी जीपीएफ पटल प्रभारी रहते करते रहे। अपनी व्यक्तिगत पत्रावली को भी कब्जे में ले रखा था। स्वयं ही जीपीएफ पासबुक में जमा और निकाली गई धनराशि का अंकन करते रहे। उनके द्वारा 29 बार जीपीएफ धनराशि निकाली गई। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने विभागीय अधिकारी को अंधेरे में रखने के लिए निकाली गई धनराशि की पासबुक में एंट्री नहीं की।
जांच कमेटी की रिपोर्ट में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने 10,33823 धनराशि निकाली है। जिस पर जांच अधिकारियों ने 2.5 प्रतिशत ब्याज की धनराशि 5,99829 जोड़ते हुए 16,33,652 धनराशि की वसूली प्रशासनिक अधिकारी से करने की संस्तुति की है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सीडीओ ने डीडीओ को आदेश दिए हैं कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से उनके वेतन में कटौती करते हुए जीपीएफ धनराशि की रिकवरी की जाए।
सीडीओ केशव कुमार ने बताया कि डीडीओ कार्यालय के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी द्वारा निकाली गई जीपीएफ धनराशि की जांच कराई गई है। करीब दस लाख से अधिक धनराशि नियम विरुद्ध निकाली गई है। ब्याज सहित 16 लाख रुपये की वसूली की जाएगी। जिसके आदेश डीडीओ को दिए गए हैं।
