लखीमपुर खीरी : पीड़िता के बयान बदलने के बावजूद पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई दोषियों को 25-25 साल की सजा

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Published By Pradeep Kumar
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अभियोजन की सख्त पैरवी से नहीं बच सके आरोपी, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार: थाना पलिया क्षेत्र में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में विशेष पॉक्सो अदालत ने शुक्रवार को अहम फैसला सुनाते हुए दो दोषियों को 25-25 साल की कठोर कैद और 10,000-10,000 के जुर्माने की सजा सुनाई है। यह फैसला उस वक्त और भी महत्वपूर्ण हो गया, जब पीड़िता और वादी पक्ष ने कोर्ट में अपने बयान बदल दिए थे।

घटना 25 जुलाई 2016 की है। थाना पलिया क्षेत्र के एक गांव निवासी भाई ने गांव बेला कलां निवासी सुनील और मोहित कुमार पर उसकी 15 वर्षीय बहन के साथ सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था। उसने दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा था कि उसकी बहन गांव के बाहर बकरियां चरा रही थी। आरोपियों ने उसकी बहन को पकड़ लिया और मुंह दबाकर एक कमरे में उठा ले गए। उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।अभियोजन की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक बृजेश कुमार पांडेय ने बताया कि मुकदमे के दौरान पीड़िता और वादी ने आरोपियों से मिलकर अदालत में उनके पक्ष में बयान दे दिए थे। इसके बावजूद विशेष लोक अभियोजक की सशक्त पैरवी ने अभियुक्तों को सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई। अभियोजन ने मामले में 50 गवाह पेश किए थे। इसके अतिरिक्त अभियोजन पक्ष ने 9 दस्तावेजी साक्ष्य भी न्यायालय में प्रस्तुत किए, जिनसे यह प्रमाणित हुआ कि घटना गंभीर और सच्ची थी, भले ही पीड़िता और वादी अपने बयानों से मुकर गए हों। अदालत ने दोनों आरोपियों को दुष्कर्म, बंधक बनाना, जान से मारने की धमकी और पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी पाया और 25-25 साल की कठोर सजा सुनाई है। साथ ही 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।  

न्यायालय ने टिप्पणी कर दिया संदेश 
न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे मामलों में अभियोजन की भूमिका बेहद अहम हो जाती है। खासकर तब जब पीड़ित पक्ष दबाव या समझौते के कारण पीछे हट जाता है। कोर्ट ने अभियोजन की सतर्कता और निष्पक्षता की सराहना की है।

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