दिव्यांशी व ऐश्वर्या ने किया सिटी टॉप : कंपनी सचिव परीक्षा परिणाम हुआ जारी, मेधावियों का हुआ सम्मान  

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Published By Vinay Shukla
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 कानपुर, अमृत विचार : इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) की ओर से कंपनी सचिव परीक्षाओं का परिणाम सोमवार को जारी हुआ। परीक्षा परिणाम में प्रोफेशनल प्रोग्राम (पाठ्यक्रम 2017 एवं 2022) तथा एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम (पाठ्यक्रम 2022) – जून 2025 सत्र का परिणाम है। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद मेधावियों को गुमटी स्थित संस्थान में सम्मानि भी किया गया। इस दौरान मेधावियां के अभिभावक भी शामिल हुए। 

गुमटी प्लाज स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में हुए आयोजन के दौरान परिणामों को ऐलान किया गया। इस दौरान दिव्यांशी व वंशिका विश्वकर्मा ने एक्जिक्यूटिव में शहर में पहला व दूसरा स्थान हासिल किया। इसी तरह ऐश्वर्या झमनानी ने प्रोफेशनल प्रोग्राम ने शहर में पहला स्थान हासिल किया है। इस दौरान हुए आयोजन में पास्ट चेयरमैन कानपुर चैप्टर सीएस रीना जाखोड़िया ने मेधावियों को बेहतर भविश्य के लिए मेहनत और ईमानदारी से कार्य करने की सीख दी। कार्यक्रम के दौरान वैभव अग्निहोत्री, आशीष बंसल, जाग्रति मिश्रा प्रमुख रूप से मौजूद रहे। 

तीन रिवीजन जरूरी : कंपनी सचिव के परीक्षा परिणाम में प्रोफेशनल प्रोग्राम में शहर में पहला स्थान हासिल करने वाली ऐश्वर्या झमनानी ने बेहतर परिणाम के लिए रिवीजन परजोर दिया। गुमटी निवासी ऐश्वर्या ने बताया कि उनकी सफलता में उनकी मां प्रिया झमनानी का बहुत बड़ा योगदान है। पिता विष्णु झमनानी की मृत्यु के बाद उनकी मांग ने भी उनका आत्मविश्वास बढ़ाया। उन्होंने बताया कि अब वे निजी कंपनी में अप्लाई करेंगी। इसके लिए उन्होंने दिल्ली एनसीआर की कंपनियों की ओर रुख किया है। 

अब एमबीए का रुख : परीक्षा परिणाम में एक्जिक्यूटिव प्रोग्राम में शहर में अव्वल आने वाली दिव्यांशी अब एमबीए का रुख कर करने जा रही है। ओम नगर निवासी दिव्यांशी ने बताया कि उनके पिता संतोश कुमार सर्विस करते हैं जबकि मां सीमा देवी गृहणी है। उन्होंने बताया कि अब वे प्रोफेशनल प्रोग्राम की तैयारी करने के बाद एमबीए करना चाहेंगी। 

नाकामियों से सीखना जरूरी : परीक्षा परिणाम में गांधी नगर निवासी वंशिका विश्वकर्मा ने बताया कि वे इनवेस्टमेंट बैंकिंर के रूप में खुद को देखना चाहती है। इसके लिए वे प्रयास कर रहीं है। उन्होंने बताया कि उनके पिता चंद्रेश विश्वकर्मा सर्विस करते हैं जबकि मां सुनीता विश्वकर्मा गृहणी है। उघ्न्होंने कहा कि सीएस की तैयारी के दौरान कई बार नाकामियां हाथ लग सकती है। इस स्थिति में यदि नाकामियों से सीखा जाए तो वह अनुभव का रूप ले लेती है।

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