केरल में बना देश का पहला वरिष्ठ नागरिक आयोग, वृद्ध आबादी के कल्याण, संरक्षण के लिए सरकार ने लिया फैसला

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Published By Virendra Pandey
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तिरुवनंतपुरम। केरल देश का पहला राज्य बन गया है जिसने वृद्ध आबादी के कल्याण, संरक्षण और पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ नागरिकों के लिये एक आयोग का गठन किया है। पूर्व राज्यसभा सांसद और कोल्लम जिला पंचायत अध्यक्ष के. सोमप्रसाद को इस आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। आयोग का मुख्यालय तिरुवनंतपुरम में स्थित होगा। 

अध्यक्ष और सदस्य का कार्यकाल तीन वर्ष का है जिसमें अध्यक्ष को सरकारी सचिव का दर्जा प्राप्त होगा। केरल की वाम सरकार ने यह आयोग, राज्य वरिष्ठ नागरिक आयोग अधिनियम, 2025 की धारा 3(1) के तहत गठित किया है। यह आयोग वृद्धावस्था से संबंधित सामाजिक पूर्वाग्रहों को दूर करने के लिए काम करेगा। इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के कौशल, अनुभव और नवीन विचारों से अन्य लोगों को लाभान्वित करेगा। देश में सबसे अधिक वृद्ध आबादी वाले राज्यों में से एक, केरल में 2026 तक एक-चौथाई लोगों की आयु 60 वर्ष से अधिक होने का अनुमान है। इस पृष्ठभूमि में, नए आयोग से वृद्ध समाज की चुनौतियों का समाधान करने के लिए व्यापक रणनीतियां तैयार करने में मदद मिलने की उम्मीद है।

राज्य की सामाजिक न्याय मंत्री डॉ. आर. बिंदु ने कहा कि सरकार ने वृद्धों की देखभाल और सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखा है। उन्होंने कहा, "सामाजिक न्याय विभाग वृद्धावस्था से संबंधित गंभीर मुद्दों के समाधान के लिए समय पर नीतियां और तंत्र विकसित करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है।" 

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