गोरखनाथ मंदिर पहुंचे सीडीएस अनिल चौहान, वार्षिक व्याख्यानमाला में हुए शामिल, कहा- आतंकवाद एक बड़ी चुनौती, लेकिन...

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Published By Deepak Mishra
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गोरखपुर। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, महंत दिग्विजयनाथ महाराज और महंत अवैद्यनाथ महाराज की पुण्यतिथि पर आयोजित वार्षिक व्याख्यानमाला में शामिल होने शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में उन्होंने “भारत के समक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियां” विषय पर आयोजित एक सत्र को संबोधित किया।

भारत के सुरक्षा वातावरण की जटिल प्रकृति को रेखांकित करते हुए जनरल चौहान ने कहा कि इस देश की सीमा सात देशों से लगती है जिससे यह अत्यधिक संवेदनशील बन जाता है। उन्होंने कहा, “आतंकवाद एक बड़ी चुनौती रहा है। यद्यपि इसका प्रभाव घटा है, लेकिन नए गैर परंपरागत खतरे उभर रहे हैं जो हमेशा दिखाई नहीं देते।” इससे पूर्व, गोरखपुर विश्वविद्यालय के रक्षा अध्ययन विभाग के पूर्व प्रमुख ने शिक्षा और सार्वजनिक जीवन में महंत दिग्विजयनाथ के योगदान को याद किया। 

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जनरल चौहान बृहस्पतिवार को गोरखपुर पहुंचे जहां वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ गोरखा वार मेमोरियल के नवीनीकरण और गोरखा संग्रहालय के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने गोरखनाथ मंदिर में प्रार्थना भी और रात्रिभोज में शामिल हुए। उन्होंने इस दिन को ऐतिहासिक एवं महत्वपूर्ण दिन बताते हुए याद दिलाया कि गोरखा भर्ती डिपो की स्थापना 1886 में कुनराघाट (तब कुदाघाट) में की गई थी। 

उन्होंने कहा कि गोरखा सैनिकों ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अदम्य साहस का प्रदर्शन किया जहां करीब 20,000 लोगों ने अपना जीवन बलिदान किया था। चौहान ने कहा कि उनके बलिदान को सम्मान देने के लिए करीब एक शताब्दी पहले निर्मित इस स्मारक का, तीन विरासतों को संरक्षित करने के लिए नवीनीकरण किया जा रहा है। इन तीन विरासतों में गोरखा सैनिकों की वीरता, गोरखा और भारतीय सेना के बीच गहरा रिश्ता और भारत-नेपाल संबंधों की प्रगाढ़ता शामिल है। 

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