मेरा शहर मेरी प्रेरणा : अजंता स्वीट्स...1986 से अब तक एक ही स्वाद

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Published By Monis Khan
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बरेली शहर अपने पारंपरिक व्यंजनों की समृद्ध विरासत को संजोए हुए है, साथ ही आधुनिक खान-पान के तौर-तरीकों को भी खुले हाथों अपना रहा है। बरेली की गलियों में आज भी वही पुरानी खुशबू मिलती हैं, जो पीढ़ियों से लोगों को अपनी ओर खींचती रही हैं। बड़ा बाज़ार और श्यामगंज की गलियों में मिलने वाली चटपटी चाट, आलू टिक्की और पानी-पूरी का मज़ा लेने के लिए शाम होते ही भीड़ उमड़ पड़ती है। 

परंपरा की बात आती है तो यहाँ के कबाब सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि मुगलई और अवधी व्यंजनों की सदियों पुरानी विरासत का हिस्सा हैं। बरेली के पारंपरिक कबाब अपनी अनूठी खुशबू, मसालों के संतुलन के लिए जाने जाते हैं। इसके साथ साथ युवा वर्ग की पसंद ने अपनी अलग पहचान बनायी है। युवाओं को लुभाने के लिए बरेली में कई नए और ट्रेंडी रेस्तरां और कैफे खुल गए हैं। डोमिनोज, पिज्जा हट और केएफसी जैसे बड़े फास्ट-फूड चेन ने शहर में अपनी मजबूत पकड़ बना ली है। पाम बिस्ट्रो, क्वालिटी रेस्टोरेंट, पिंड बलूची, कासा डिवाइन, कार्विंग 24X 7 जैसे नए रेस्टोरेंट युवा वर्ग की पसंद बन रहे हैं।

अजंता स्वीट्स, बस नाम ही काफी है।  1986 में राम अवतार आहूजा ने एक बड़ा सपना लेकर शहामतगंज के कालीबाड़ी रोड पर पुलिस चौकी के सामने छोटी सी दुकान खोली थी। उस वक्त उन्हें भी इसका अंदाजा नहीं रहा होगा कि आगे चलकर  इसकी जड़ें  इतनी गहरी हो जायेंगी कि मिठाइयों की दुनिया में इसकी ख्याति चारों ओर फैल जायेगी। आज यह शहर ही नहीं बल्कि देशभर में एक जाना पहचाना नाम है।  

AJANTA

शुरु में यह बेकिंग उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। आज यह दुकान अपनी स्वादिष्ट मिठाइयों और बेकरी उत्पादों के लिए जानी जाती है।  राम अवतार आहूजा के बेटे अमित आहूजा से आज विकास भवन के सामने रामपुर गार्डन में उनकी आलीशान दुकान में मुलाकात हुई। उन्होंने बताया कि छोटे स्तर से काम शुरु करते वक्त उनके पिता को कई साल तक संघर्ष करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज इसी का फल है जो अजंता स्वीट्स लोगों में अपनी पहचान बना चुका है। उनका कहना है कि अगर लक्ष्य साफ हो और उसमें मजबूत इच्छा शक्ति हो तो राह आसान होती चली जाती है। इसी का नतीजा है जो आज यह करोड़ों  के सालाना टर्नओवर के साथ अजंता स्वीट्स से   इंड्स अजंता प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन चुकी है।

अमित ने बताया कि अजंता स्वीट्स के आउटलेट लखनऊ और रामपुर में भी हैं। इसके अलावा पीलीभीत व पूरनपुर में फ्रेंचाइजी के साथ ही बरेली में 15 विभिन्न जगहों पर आमजन की पहुंच अजंता स्वीट्स तक है। इसकी मदर यूनिट आज भी शहामतगंज वाली ही है। रामपुर और लखनऊ के अलावा बरेली में इसके तीन आउटलेट हैं। उन्होंने बताया कि हम गुणवत्ता और शुद्धता का पूरा ध्यान रखते हैं। शहर में मिठाइयों आदि की आपूर्ति के लिए  हमने एक बेस किचन डोहरा रोड पर स्थापित किया है। यहीं से सभी जगह मिठाइयां और नमकीन की आपूर्ति की जाती है। 
अमित आहूजा ने जब से कंपनी की बागडोर संभाली है वह इसे नई उंचाइयों की ओर ले जाने को नित नई सोच के साथ प्रयास करते रहते हैं। अजंता की सबसे प्रसिद्ध मिठाइयों में देसी घी की सोन पापड़ी और बेसन की बनी पतीसा सोन पापड़ी है। इसकी काफी डिमांड रहती है। नमकीन में हींग वाली देसी घी से बनी काजू दालमोंठ भी लोगों की पसंद बन चुकी है।

 स्थानीय स्तर पर जमेटो से आप इन्हें घर पर भी मंगा सकते हैं। आनलाइन मंगाने के लिए कंपनी ने अमेजन से टाईअप किया है। अजंता के दो लोकप्रिय आइटम और हैं।इनमें से एक जूली नाम की बंगाली मिठाई तो दूसरी गुजराती डिस ढोकला है। बेकरी और कन्फेक्शनरी में भी अजंता के पास ढेरों उत्पाद हैं। अब तो अजंता ने कई जगह चाट कार्नर भी खोल लिए हैं। अजंता स्वीट्स की दुकान में सबसे कम रेट वाली मिठाई  पेठा है जो 340 रुपये प्रति किलो में उपलब्ध है। यहां की सबसे महंगी मिठाई पिस्ते वाली लौज है जो 4500 रुपये प्रति किलो में उपलब्ध है। इसका स्वाद लाजवाब है। नार्मल मिठाई मिक्स में  640 रुपये प्रति किलो  आप खरीद  सकते हैं। दुकान पर कई प्लेवर की आइसक्रीम का भी आप आनंद ले सकते हैं। गिफ्ट पैक भी यहां उपलब्ध हैं। अजंता स्वीट्स पर अभिनेता विक्रम कोचर,आयुष्मान खुराना के भाई अपार शक्ति खुराना और कुमुद मिश्रा भी आ चुकी हैं। कुल मिलाकर अजंता स्वीट्स का सफर अभी जारी है और इनके मौजूदा के डायरेक्टर अमित आहूजा इसकी पहचान पूरे देश और विदेश में  भी पहुंचाने की मंशा के साथ काम कर रहे हैं। 

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