‘शक्ति रसोई’ योजना ने बदली उषा की तकदीर, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनी मिसाल
लखनऊ, अमृत विचार : प्रदेश सरकार महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार प्रभावी कदम उठा रही है। ‘मिशन शक्ति’ और दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) के तहत शुरू की गई ‘शक्ति रसोई’ योजना इसका सशक्त उदाहरण बनकर सामने आई है। आगरा नगर निगम परिसर में संचालित शक्ति रसोई ने न सिर्फ महिलाओं को रोजगार दिया है, बल्कि उनके जीवन की दिशा भी बदल दी है।
अपर नगर आयुक्त एवं प्रभारी परियोजना अधिकारी डूडा शिशिर कुमार ने यह जानकारी दी। बुधवार को उन्होंने आगरा के कछपुरा क्षेत्र की रहने वाली उषा की कहानी संघर्ष से सफलता तक की प्रेरक गाथा से अवगत कराया। बताया कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व तक उषा के पास आय का कोई स्थायी साधन नहीं था। परिवार की जिम्मेदारी पूरी तरह पति की सीमित आय पर निर्भर थी। ऐसे में उषा ने सुनीता और सुमर्थी देवी के साथ मिलकर ‘प्रज्ञा स्वयं सहायता समूह’ का गठन किया और नगर निगम व सरकार के सहयोग से शक्ति रसोई के संचालन किया।
शुद्ध, स्वच्छ और किफायती भोजन बनी पहचान
उषा ने बताया कि सरकार और नगर निगम के सहयोग से सीएसआर फंड के माध्यम से उन्हें आधुनिक किचन उपकरण, फर्नीचर और अन्य संसाधन उपलब्ध कराए गए। नगर निगम ने रसोई संचालन के लिए उपयुक्त स्थान दिया। उन्होंने बताया कि शक्ति रसोई में चाय, नाश्ता और ‘स्पेशल थाली’ के रूप में घर जैसा शुद्ध भोजन उपलब्ध कराया जाता है। शक्ति रसोई से हर माह लगभग 50 हजार रुपये की बिक्री होती है, जिससे उन्हें 10 से 12 हजार रुपये की शुद्ध मासिक आय प्राप्त हो जाती है।
ग्राहकों की पहली पसंद बनी शक्ति रसोई
नगर निगम परिसर में आने वाले लोग अब बाहरी होटलों के बजाय शक्ति रसोई को प्राथमिकता दे रहे हैं। विजिटर बुक में ग्राहक अपने अनुभव भी दर्ज कर रहे हैं। ग्राहक अमित सिंह ने बताया कि यहां का खाना बिल्कुल घर जैसा और स्वच्छ होता है, वह भी बेहद किफायती दामों में। वहीं, राज कुमार का कहना है कि शक्ति रसोई की चाय और नाश्ता उनकी रोजमर्रा की पसंद बन चुकी है।
समाज की आर्थिक तस्वीर भी बदल सकती हैं
प्रभारी परियोजना अधिकारी डूडा ने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य महिलाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। नगर निगम प्रशासन महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि ‘शक्ति रसोई’ जैसी योजनाएं साबित कर रही हैं कि यदि महिलाओं को सही अवसर और संसाधन मिलें, तो वे न केवल अपने परिवार बल्कि समाज की आर्थिक तस्वीर भी बदल सकती हैं।
