अयोध्या: विवाह के बाद राम समेत चारों भाइयों को परोसा गया छप्पन भोग का कलेवा

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Published By Deepak Mishra
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अमृत विचार, अयोध्या। राम विवाह के उल्लास में सराबोर रामनगरी में वैदिक रीति-नीति और परंपरा के मुताबिक विवाह संस्कार के बाद आज राम कलेवा का आयोजन हुआ। राम समेत चारो भाइयों को स्वादिष्ट व्यंजनों तथा छप्पन भोग का कलेवा परोसा गया। मिथिला की सखियों तथा कलाकारों ने सुमधुर गारी गीत, भजन, चौपाई और शास्त्रीय गीत प्रस्तुत कर रामकलेवा के उल्लास को नया आयाम दिया। 

रामनगरी अयोध्या के विभिन्न मठ-मंदिरों में विवाह पंचमी अर्थात राम विवाह को लेकर उत्सव जारी है। उत्सव का साक्षी होने के लिए आस-पास के क्षेत्रों तथा दूर-दराज के लोगों और अतिविशिष्ट जनों ने राम नगरी में डेरा डाल रखा है। संत, साधक से लेकर भक्त व श्रद्धालु राम विवाहोत्सव के उल्लास में डूबे हुए हैं। 

सोमवार की शाम विभिन्न मठ-मंदिरों से बारात निकलने के बाद वैदिक रीति-रिवाज के मुताबिक रामसीता विवाह की रस्म पूरी की गई। तो विवाह की रस्म संपन्न होने के बाद आज बिअहुति भवन, कनक भवन, जानकी महल ट्रस्ट, रामहर्षण कुंज, लक्ष्मण किला, दशरथ महल बड़ा स्थान समेत अन्य मठ-मंदिरों में राम कलेवा का आयोजन हुआ।

विवाह के बाद राम तथा उनके भाइयों लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न को छप्पन भोग और उत्कृष्ट व्यंजनों का भोग परोसा गया। इस अवसर पर रस्मों रिवाज के मुताबिक नित्य पूजित-अर्चित व बंदित को संत साधक  के साथ मिथिला की सखियों और कलाकारों ने सुमधुर गारीगीत सुनाया। कनक-भवन व जानकी महल ट्रस्ट में पद गायन हुआ। संत साधक और भक्त व कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से राम समेत चारों भाइयों को कलेवा के लिए मनाने में जुटे रहे। इसके बाद छप्पन व्यंजनों का रसास्वादन करा आह्लादित हुए।

पूरा माहौल जय श्रीराम आदि के उद्घोष से गूंजता रहा। राम कलेवा के बाद माता जानकी डोली पर विदा होकर मंदिर के गर्भगृह में पहुंचीं, जहां पूजन-अर्चन कर फिर से राग भोग की प्रक्रिया संपन्न की गई। कहीं पुनि जेवनार भई बहु भांति, पठए जनक बोलाए बाराती..,तो कहीं बता द बबुआ, लोगवा देत काहे गारी.. और कहीं दूल्हा श्रीराघुनाथ बने, दुल्ही सिया सुंदर मंदिर माही.. आदि और पद चौपाई की स्वर लहरियां बिखरती रहीं।

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