बरेली: भुगतान में पंचायत सचिवालय के कंप्यूटर का ही होगा इस्तेमाल
बरेली, अमृत विचार। ग्राम पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों के भुगतान पंचायत सचिवालय के कंप्यूटर के माध्यम से ही होंगे। शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने इस संबंध में ग्राम पंचायतों को आदेश जारी किए हैं। इस व्यवस्था से पंचायतों में भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
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जिले में 1193 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें होने वाले विकास कार्यों के लिए मुख्य रूप से राज्य व केन्द्रीय वित्त आयोग से पैसा मिलता है। साथ ही अन्य योजनाओं से भी धनराशि मिलती है। काम कराने के बाद ग्राम पंचायतों को फर्मों और लोगों को पंचायती राज के पोर्टल (गेटवे) के जरिए ही भुगतान करना होता है। नियम है कि भुगतान पंचायत सचिवालयों में स्थापित कंप्यूटर से ही करना है, लेकिन प्रधान और सचिव ऐसा नहीं कर रहे हैं। वित्त आयोग को छोड़कर परफॉर्मेंस ग्रांट स्वच्छ भारत मिशन, राजीव गांधी स्वराज अभियान, अन्त्येष्टि स्थल आदि योजनाओं का भुगतान वह कमीशनखोरी के चलते दूसरे कंप्यूटर से करते हैं। इसको लेकर शासन तक शिकायतें पहुंचने लगीं तो इसको लेकर आदेश जारी किए गए।
डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि अब ग्राम सचिवालय में लगे कंप्यूटर से ही पैसे भुगतान करना होगा। अगर किसी अन्य स्थान या अन्य कंप्यूटर से भुगतान किया जाता है तो संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव पर कार्रवाई की जाएगी।
इंटरनेट का कनेक्शन बनेगा समस्या
पंचायत सचिवालय के कंप्यूटर से भुगतान के पीछे सरकार की मंशा विकास कार्यों में पारदर्शिता बनाए रखना है। जिलाधिकारी के आदेश पर पंचायती राज विभाग इसका पालन कराने के लिए सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित कर रहा है। वहीं, दूसरी तरफ ग्राम पंचायत सचिव तर्क दे रहे हैं कि उन्हें ग्राम पंचायत के भवन में लगे कंप्यूटर से भुगतान करने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में इंटरनेट नहीं चलने से समस्या आती है। अगर इंटरनेट नहीं चलेगा तो भुगतान कैसे हो सकेगा। लिहाजा, इस ओर भी शासन को ध्यान देने की जरूरत है।
भुगतान में लगता है सचिव व प्रधान का डोंगल
ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों से लेकर किसी भी योजना का भुगतान प्रधान व सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से होता है। इसके लिए प्रधान और सचिवों के डोंगल बने हैं। भुगतान के लिए पहले सचिव का डोंगल लगता है, फिर प्रधान का। इसलिए किसी भी ग्राम पंचायत में वित्तीय अनियमितता सामने आने पर प्रधान और सचिव दोनों पर बराबर की कार्रवाई की जाती है।
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