पीलीभीत: खुल गई बर्तन की दुकान, गिरफ्तारी में आरपीएफ नाकाम

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Published By Vikas Babu
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पीलीभीत, अमृत विचार। रेलवे का लोहा बेचने के मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी बर्तन व्यापारी को पकड़ने में आरपीएफ नाकाम है। उसकी अब तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। वहीं, कई दिन बंद रहने के बाद अब आरोपी की बर्तन की दुकान भी खुल गई है। बताते हैं कि दो दिन पहले आरपीएफ टीम भी दुकान पर गई थी, लेकिन धरपकड़ को लेकर चाल सुस्त पड़ गई है।

 शहर के एक बर्तन व्यापारी द्वारा रेलवे का लोहा बेचने का बीते दिनों शोर मच गया था। यह मामला उजागर होकर रेलवे के अधिकारियों तक पहुंचा तो गोपनीय तरीके से छानबीन कराई गई। आरपीएफ कमाडेंट ऋषि पांडेय की सख्ती के बाद पीलीभीत आरपीएफ ने इस मामले में सफलता हासिल की और मोहल्ला शेर मोहम्मद निवासी कबाड़ी को धर दबोचा।

उसके कब्जे से चार क्विंटल वजन की रेलवे की पुरानी पटरियां बरामद हुई। कबाड़ी को जेल भेज दिया था। कबाड़ी से पूछताछ में सामने आया कि रेलवे का लोहा जेपी रोड पर स्थित हाफिज जी की पुरानी बर्तन की दुकान जिसके मालिक जुनैद हुसैन निवासी मोहल्ला गोपाल सिंह थाना सुनगढ़ी है, उनसे खरीदा गया था।

इसके बाद से आरपीएफ बर्तन व्यापारी की तलाश में जुट गई, लेकिन सफल नहीं हो सकी थी। जबकि उसका गैर जमानती वारंट भी जारी कराए कई दिन बीत चुके हैं। कुछ दिन पहले ही सामने आया था कि आरोपी मजिस्ट्रेट के समक्ष सरेंडर करने की फिराक में था। लेकिन नहीं हुआ। अभी तक गिरफ्तारी न होने से आरपीएफ की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।

मेजर सर्जरी होने की वजह से मजिस्ट्रेट ने रिमांड नहीं ली। आरोपी अपने बचाव के प्रयास में जुटा है। आरपीएफ सुरागरसी में लगी हुई है। किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जा रही है---ऋषि पांडेय, कमांडेंट, आरपीएफ।

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