KGMU: दिल में खून की नालियों में थी रुकावट, सर्जरी कर दी नई जिंदगी

पहली बार हुई आठ साल के बच्चे की हाइब्रिड हार्ट सर्जरी

KGMU: दिल में खून की नालियों में थी रुकावट, सर्जरी कर दी नई जिंदगी

अमृत विचार, लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के डॉक्टरों की टीम ने पहली बार आठ साल के बच्चे की हाईब्रिड हार्ट सर्जरी सफलतापूर्वक किया। बच्चा जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित था। उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। सबसे पहले बच्चे का एंजियोग्राफी कराया गया। जिसमें पता चला कि जहां बच्चे के दिल की तीनों खून की नलियों में रूकावट थी, वहीं, दिल की धड़कन भी बहुत कम थी। डाॅक्टरों ने बच्चे का हाइब्रिड प्रोसीजर अपना कर यह सर्जरी करने का निर्णय लिया जो मेडीकल काॅलेज के इतिहास में पहली बार की गई। केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने सफल सर्जरी के लिए पूरी टीम को बधाई दी है।
 
सीतापुर के सिधौली निवासी आठ वर्षीय मनीष केजीएमयू में सांस लेने में कठिनाई के साथ आया था। ऑक्सीजन संतृप्ति 50 से 60 प्रतिशत थी। उसे प्रो. माला और डॉ. शालिनी की देख रेख में बाल रोग विभाग में भर्ती कराया गया था। प्रवक्ता सुधीर कुमार ने बताया कि बहुत विचार-मंथन चर्चा के बाद आखिरी में हृदय रोग विशेषज्ञ द्वारा एमएपीसीए कोइलिंग और कार्डियक सर्जन द्वारा एक मार्च को ओपन हार्ट सर्जरी करने का निर्णय लिया गया । सुबह बच्चे को बेहोश करने की क्रिया और कार्डिएक एनेस्थेसिया टीम में प्रो. जीपी सिंह और डॉ. करण कौशिक रहे। कार्डियोलॉजी ओटी दूसरी मंजिल में कार्डियोलॉजी टीम डॉ. गौरव चौधरी और डॉ. अखिल शर्मा द्वारा दाहिने फेफड़े की आपूर्ति करने वाले एमएपीसीए को सफलतापूर्वक कॉइल किया गया था। अब चुनौती मिनटों में तुरंत ओपन हार्ट सर्जरी करने की थी। क्योंकि बच्चा न्यूनतम ऑक्सीजन स्तर पर था। पूर्ण उच्च कार्डियक सपोर्ट जनरल एनेस्थीसिया और मरीज की शिफ्टिंग की गई और 10 मिनट के भीतर कार्डियक सर्जरी ओटी पहली मंजिल में मरीज की कार्डियक सर्जरी शुरू कर दी गई। 

कार्डिएक सर्जरी टीम प्रो. एसके सिंह, डॉ. सर्वेश कुमार और डॉ. राहुल ने ओपन हार्ट सर्जरी शुरू की। बच्चे को तुरंत हार्ट लंग बाईपास मशीन पर ले जाया गया। जिसे मनोज एंड टीम ने मैनेज किया। चार घंटे की सफल ओपन हार्ट सर्जरी की गई। 10 दिनों तक उसे आईसीयू में रखा गया। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है।

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