लखनऊ : अतीक का अंत आतंक के साथ, 50 दिन बाद सबकुछ खत्म

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार की रात पुलिस हिरासत में नियमित जांच के लिए प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल ले जाते समय अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। 

दोनों भाईयों की हत्या का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिन तीन हमलावरों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। वह सभी मीडियाकर्मी के रूप में पहुंचे थे। जांच एजेंसी तीनों हमलावरों से पूछताछ कर रही हैं।

लेकिन शायद इस घटना के 50 दिन पहले अतीक अहमद और उसके भाई ने इस दिन के बारे में नहीं सोचा होगा। यानी की 24 फरवरी के दिन जब उमेश पाल की हत्या हुई थी। उमेश पाल को कई हमलावरों ने गोली और बम मारकर हत्या कर दी थी। उमेश पाल की हत्या उनके घर के सामने की गई थी। इस दौरान दो पुलिसकर्मी भी शहीद हो गये थे। उसके बाद से ही अतीक और उसके गैंग पर नकेल कसती जा रही थी।

इस दौरान अतीक के परिवार से लेकर उसके करीबियो तक पर पुलिस का शिकंजा कसता चला गया। अतीक को भी दो बार साबरमती जेल से प्रयागराज आना पड़ा। वहीं अतीक के भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। अशरफ का भी यह दूसरी बार था जब उसे प्रयागराज लाया गया था। 24 फरवरी को हुये उमेश पाल हत्याकांड के करीब 50 दिन बाद शनिवार को यानी 15 अप्रैल की रात अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई। इन्हीं 50 दिनों में अतीक के बेटे असद की मौत भी पुलिस एनकांउटर में हुई है।

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