Nikay Chunav: मंडल में पिछड़ा बरेली, पांच बजे तक 40 फीसदी से भी कम हुआ मतदान
बरेली, अमृत विचार। लोकतंत्र के महापर्व में मंडल में बरेली में सबसे कम फीसदी मतदान हुआ है। दूसरे चरण के मतदान में बरेली मंडल के पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं व बरेली में आज मतदान सम्पन्न कराया गया। मतदान को लेकर जागरूकता रैली आदि कार्यक्रम भी शहर के मतदाताओं को जगाने में नाकाम रहा। जिसका नतीजा यह रहा कि बरेली मंडल में मतदान को लेकर सबसे फिसड्डी रहा। जबकि मंडल के पीलीभीत में 50 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ।
शहर के जिम्मेदार मतदाताओं का मतदान न करना इसका बड़ा कारण माना जा रहा है। इस बार मतदान को लेकर युवाओं में भी इसका रूझान कम रहा। वहीं सूत्रों की मानें तो कई जगह बीएलओ की कमी के कारण वोटर लिस्ट से नाम गायब होने से भी खासा असर पड़ा है। बरेली मंडल के पीलीभीत में पचास फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ, वहीं बदायूं में 46 फीसदी वोटरों ने मतदान किया। शाहजहांपुर में 43 फीसदी मतदान हुआ और देश के सबसे बड़ा 50 व शहर बरेली में मात्र 37 फीसदी तक ही रह गया।
बरेली नगर निगम में सुबह 9 बजे तक 80 वार्ड में 7.14 प्रतिशत वोटिंग हुई। उसके बाद 11 बजे तक 16.14 प्रतिशत मतदान हुआ। दोपहर एक बजे तक 25.84 प्रतिशत, तीन बजे तक 29 प्रतिशत, 5 बजे तक मात्र 37.66 प्रतिशत ही वोट पड़ सके। 847763 मतदाताओं में से केवल 37.66 फीसदी मतदाता ही अपने वोट का इस्तेमाल कर पाए।
नगर पंचायत ठिरिया निजावत खां में शाम पांच बजे तक 63.75 प्रतिशत, नगर पंचायत रिठौरा 80.55, नगर पंचायत धौराटांडा 68.85, नगर पंचायत मीरगंज 65.58 , नगर पंचायत फतेहगंज पश्चिमी 61.71, शाही 61.97, शीशगढ़ 71.31,नवाबगंज 63.45, सेंथल 66.93, बहेड़ी 60.59, फरीदपुर 84.44, रिछा 70.08,
देवरनियां 71.62, नगर पालिका परिषद फरीदपुर 54.28, फतेहगंज पूर्वी 51.82 , नगर पालिका परिषद आवला 55.94, नगरपालिका विशारतगंज 66.66, सिरौली 60.19 प्रतिशत मतदान शाम पांच बजे तक हुआ। सबसे ज्यादा जिले में नगर पालिका फरीदपुर में 84.44 प्रतिशत तक मतदान हुआ। जबकी नगर निगम बरेली में मात्र 29 फीसदी मतदान होने से बरेली शहर पिछड़ गया।
पॉश कॉलोनी वाले नहीं आए घरों से निकल कर
शहर में मतदान प्रतिशत सबसे कम होने का मुख्य कारण कॉलोनियों में रहने वाले लोगों का घरों में बैठा रहना रहा। प्रशासन के अवकाश को उन्होंने अवकाश ही समझा और एक जिम्मेदार नागरीक होने से अपना पल्ला झाड़ दिया। या फिर मतदान न करने का एक कारण शहर की स्थिति भी मानी जा सकती है। मगर इसका असर साफ दिखाई दे रहा है। भाजपा को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योकि भाजपा समर्थित क्षेत्र से लोगों का ना निकलना डाक्टर तोमर की जीत की ओर इशारा करता है।
ईवीएम मशीने जमा करने पहुंचने लगे मतदान कर्मी
लोकतंत्र के महापर्व को शकुशल निपटाने के बाद पोलिंग पार्टिया बरेली कॉलेज में मशीनों को जमा करने के लिए पहुंचने लगी। यहां से सामान जमा करने के बाद वह अपने-अपने घरों को रवाना होना शुरू हो गईं। फिलहाल बरेली में छिटपूट घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव सम्पन्न हो गया। अब 13 तारीख को प्रत्याशियों के भाग्या का फैसला होगा। मतपेटियों व ईवीएम मशीनों में उनके भाग्य का फैसला बंद हो गया।
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