प्रयागराज : प्रमोशन के बाद पांच दिन की छुट्टी पर जा रहे दरोगा की चलती ट्रेन से उतरते वक्त पैर फिसलने से हुई मौत

प्रयागराज : प्रमोशन के बाद पांच दिन की छुट्टी पर जा रहे दरोगा की चलती ट्रेन से उतरते वक्त पैर फिसलने से हुई मौत

अमृत विचार, प्रयागराज । कहते है किसी की मौत जब काल बनकर आती है तो उसे कोई नहीं टाल सकता। कुछ ऐसा ही दरोगा रामनाथ द्विवेदी के साथ हुआ। घर के करीब पहुंचकर भी अपने परिवार के बीच खुशी नहीं बांट सके और काल के गाल में समा गए। ट्रेन से घर लौटते वक्त चलती ट्रेन से उतरने के दौरान पैर फिसला और ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। घटना बुधवार को फाफामऊ स्टेशन के पास हुई।

जानकारी के मुताबिक रामनाथ द्विवेदी होलागढ़ के चौबारा दुबान गांव के रहने वाले थे। वह सिपाही के पद पर लखीमपुर खीरी में तैनात थे। 20 दिन पहले ही प्रमोशन पाकर सिपाही से दारोगा बने थे। रामनाथ द्विवेदी पांच दिन की छुट्टी लेकर घर परिवार के बीच खुशियां बांटने जा रहे थे। इसी महीने की 5 तारीख को सिपाही से दरोगा के पद पर प्रमोशन हुआ था। घर में सभी लोग काफी खुश थे। परिवार में दो बेटे और 5 बेटियां हैं। पांचों बेटियों की शादी हो चुकी है। बड़ा बेटा अंकित द्विवेदी बीएड किया है। छोटा बेटा शिवम द्विवेदी बीबीए की पढ़ाई कर रहा है।

उन्हें क्या पता था कि वह यह खुशी उनके परिवार के लिए गम में बदल जाएगी। वह बरेली एक्सप्रेस से लौट रहे थे। फाफामऊ में बरेली एक्सप्रेस धीमी हुई तो उतरते वक़्त पैर फिसलने से पहियों की चपेट में आए। जिससे दरोगा की मौत हो गई। ट्रेन की चपेट में आने से बायां हाथ कटकर शरीर से अलग हो गया। कमर के नीचे और सिर में गहरी चोट आने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई। सूचना पाकर पहुंची जीआरपी पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

जीआरपी इंस्पेक्टर इंस्पेक्टर राजीव रंजन उपाध्याय ने बताया की फाफामऊ स्टेशन पर स्टापेज नहीं है। ट्रेन की गति धीमी होने से दरोगा अचानक से अपनी सीट से उठकर गेट तक आ गए। इसके बाद उतरने का प्रयास करने लगे। ट्रेन की रफ्तार उस दौरान करीब 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रही होगी। रफ्तार तेज होने से वह अपना संतुलन खो बैठे। इससे वह ट्रेन की चपेट में आ गए। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। दरोगा के परिजनों को सूचना दे दी गई है।

ये भी पढ़ें - अयोध्या : मुख्य सचिव का अयोध्या दौरा, कहा कि बारिश में बाधित न हों निर्माणाधीन पथ, इसलिए डबल शिफ्ट में कराएं काम