रामपथ: मानसून से पहले यह हाल तो बारिश में क्या होगा? देखिए तस्वीरों में सच्चाई
अमृत विचार, अयोध्या। शासन-प्रशासन और निर्माण एजेंसी लाख दावा करे, लेकिन बारिश से पहले निर्माणाधीन रामपथ चलने लायक कतई नहीं हो सकता है। हाल यह है कि महज धूल-गुबार से लोगों को बचाने के लिए छोड़े जा रहे पानी ने ही निर्माण कार्य की कलई खोल कर रख दी है। रोजाना 10 से 15 टैंकर पानी छोड़े जाने से रामपथ पूरी तरह से कीचड़ से भर कर रपटीला हो गया है।
प्रशासन और निर्माण एजेंसी के दावों का सच जानने के लिए शनिवार शाम नियावां से साहबगंज तक 'अमृत विचार' ने पड़ताल की। पड़ताल के दौरान रामपथ की वर्तमान दशा ने ही दावों पर सवाल उठा दिए हैं। महज नियावां चौराहे से साहबगंज तक ही हर सौ मीटर पर कीचड़ और खोदाई के बाद डाली गई बालू व मिट्टी सड़क पर बिखरी हुई है। नियावां चौराहे के आगे खोदाई के कारण चार पहिया क्या बाइक और पैदल निकलना दूभर है। आगे बढ़े तो नहरबाग में तीन सौ मीटर के दौरान तीन जगह खोदे गए गड्डे जैसे तैसे पाट कर बालू बिखेर दी गई है। ऊपर से टैंकर से पानी डाल दिया गया जिससे चलना दूभर हो गया है।

अंगूरीबाग, गुदड़ीबाजार और खवासपुरा के आगे खोदी गई सीवर लाइन की ओर पतला रास्ता खतरे से खाली नहीं है। साहबगंज की तो और बुरी दशा है, इधर से होकर अयोध्या की ओर जाना जान जोखिम में डालना है। इतना ही नहीं इन खोदे गए गड्डों के अगल - बगल जेसीबी समेत अन्य बड़ी - बड़ी मशीनों को खड़ा कर दिया गया है जिससे आवागमन पूरी तरह से बाधित हो रहा है। एजेंसी भले ही बारिश से पहले सब दुरुस्त करने का दावा करे लेकिन दावा धरातल पर उतरता नहीं दिखाई दे रहा है। निर्माण एजेंसी आर एंड सी के इंजीनियर प्रदीप शुक्ला से जब बात की गई तो उन्होंने कहा धूल के कारण पानी डाला जा रहा। उन्होंने कहा कि कीचड़ से बच बचाकर लोग आ जा रहे हैं, हमें तो कोई दिक्कत नहीं लगती है। दावा किया कि बारिश से पहले रामपथ को चलने लायक कर दिया जायेगा।
लम्बी छुट्टी पर गए एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर
निर्माण एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर हरिश्चन्द्र साहू लम्बी छुट्टी पर गए बताए गए हैं। इंजीनियर प्रदीप शुक्ला ने बताया कि पारिवारिक कारणों से प्रोजेक्ट मैनेजर लम्बी छुट्टी पर हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल इस माह उनके कार्यभार ग्रहण करने की उम्मीद नहीं है।
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