बरेली: जोगी नवादा में बवाल के बाद पलायन को लेकर मुस्लिम समुदाय में रोष, RAC ने दिया ज्ञापन
गैर परम्परागत तौर पर कांवड़ यात्रा निकाले जाने में बवाल के बाद पलायन को लेकर मुस्लिम समुदाय में रोष,आरएसी ने दिया ज्ञापन
बरेली, अमृत विचार। बरेली में बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा में कांवड़ यात्रा को लेकर हुए बवाल के बाद पुलिस कार्रवाई से मुस्लिम समुदाय में रोष है। वहीं मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद जोगी नवादा में रहने वाले मुस्लिम समाज के लोगों ने अपने-अपने घरों को बेचने के लिए पोस्टर आदि लगा रखे हैं।
वहीं आज ऑल इंडिया रजा एक्शन कमेटी के पदाधिकारियों ने इस मामले पुलिस की एक तरफा कार्रवाई पर प्रदर्शन कर अपना रोष जताया। साथ ही राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के बरेली से लेकर हरियाणा और मणिपुर तक अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसक अभियान चलाए जा रहे हैं, जबकि सत्ताधारी राजनीतिक दल हिंसक भीड़ को बचाने में जुटा हुआ है।
बरेली में बीती 30 जुलाई को जोगी नवादा से निर्धारित और पारित रूट न होने के बावजूद कांवड़ यात्रा निकालने का प्रयास किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी और एसएसपी के समझाने पर भी उनकी एक नहीं सुनी गई। इसी बीच कांवड़ियों की भीड़ में दो उप्रदवियों ने फ़ायरिंग कर दी। जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। वहीं इसके कुछ ही घंटों में एसएसपी प्रभाकर चौधरी का तबादला कर दिया गया।
साथ ही सत्ताधारी दल के नेताओं के दबाव में पुलिस प्रशासन ने मुस्लिम पक्ष के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उन पर कार्रवाई शुरू कर दी गई। इतना ही नहीं सत्ता पक्ष के नेता अब उसी रास्ते से कांवड़ यात्रा निकालने पर अड़े हुए हैं, भले ही यह रूट निर्धारित और पारित नहीं है। इसलिए सत्ता पक्ष के दबाव में मुस्लिमों का उत्पीड़न करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
साथ ही मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री को निर्देश दिया जाए। इसके अलावा ज्ञापन में कहा गया है कि हरियाणा के गुरुग्राम में मस्जिद में घुसकर तोड़फोड़, आगज़नी और मस्जिद के इमाम की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हरियाणा के ही नूंह में सोशल मीडिया पर मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव नामक शख्स का बयान वायरल होने पर हिंसा भड़की थी।
जबकि इससे कुछ महीने पहले राजस्थान के भरतपुर निवासी जुनैद और नासिर के शव भिवानी में जली हुई कार में मिले थे। लेकिन इस हत्याकांड का आरोपी अब तक खुला घूम रहा है। क्योंकि उसे सत्ता पक्ष का समर्थन हासिल है। वहीं महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में आरपीएफ सिपाही ने तीन मुस्लिमों समेत एक एएसआई की गोली मारकर हत्या कर दी।
इसके अलावा मणिपुर में भी पुलिस और सुरक्षा बल कुकी समुदाय के खिलाफ चलाए जा रहे हिंसक अभियान में हत्यारी भीड़ का साथ दे रहे हैं। हत्यारों के पास ऐसे अत्याधुनिक हथियार हैं, जो केवल सुरक्षा बलों के पास ही होते हैं। यही कारण है कि मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने, उनसे दुष्कर्म करने और हत्या कर देने जैसी घटनाएं हो रही हैं।
इसके पीछे सबसे बड़ा कारण नफ़रत की राजनीति है, जिसके लिए केंद्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मणिपुर जैसे कई राज्यों के सत्ताधारी पक्ष ज़िम्मेदार हैं। इस लिए उनकी मांग है कि ऐसी घटनाएं रोकने के लिए ठोस क़दम उठाए जाएं।
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