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UP: जिसके लिए पति को छोड़ा वो भी निकला बेवफा, प्रेमी से परेशान होकर लगाई फांसी, मासूम बोली- पापा रोज मम्मी को मारते थे
कानपुर में पहले पति को छोड़ा फिर प्रेमी बेवफा हुआ तो लगाई फांसी।
कानपुर में पहले पति को छोड़ा फिर प्रेमी बेवफा हुआ तो महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। प्रेमी के दूसरी महिला से प्रेम संबंध होने पर दोनों के बीच विवाद जारी था। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया।
कानपुर, अमृत विचार। अवैध संबंधों का शक होने पर बीते तीन साल से पति से अलग रह रही महिला के युवक से प्रेम संबंध हो गए। युवक के दूसरी महिला से प्रेम संबंधों की जानकारी होने से आहत प्रेमिका ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने आरोपी प्रेमी को हिरासत में लिया।
बाबूपुरवा निवासी रागिनी का विवाह आठ वर्ष पहले कालपी निवासी अरूण के साथ हुआ था। रागिनी व अरुण की एक बेटी कनक उर्फ दिव्यांशी (6) है। रागिनी के पिता बब्लू उर्फ आत्माराम ने बताया कि बीते तीन साल से अरूण रागिनी पर अवैध संबंधों का शक करने लगा। रागिनी के कही भी जाने पर अरूण उसका पीछा करता और कई बार तो उसने चोरी-छुपके रागिनी की फोटी खींचने लगा।
हर समय पीछा करने की जानकारी होने पर रागिनी ने विरोध दर्ज कराया तो पति-पत्नी के बीच अक्सर विवाद होने लगा। जिसके बाद से बीते तीन साल से रागिनी अरूण से अलग होकर बगाही में बेटी दिव्यांशी के साथ किराए के मकान पर रहने लगी। इस दौरान रागिनी किदवई नगर स्थित हर्षिता व कृतिका के ब्यूटी पार्लर में काम करने लगी। काम के दौरान रागिनी के ब्यूटी पार्लर संचालिका संगम पांडेय ने प्रेम संबंध हो गए।
कुछ समय पूर्व रागिनी को संगम से किसी दूसरी महिला से प्रेम संबंध होने की जानकारी मिली। जिस पर दोनों के बीच विवाद होने लगा। विवाद से तंग आकर रागिनी ने बुधवार को फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। मामले की जानकारी पर बाबूपुरवा पुलिस मौके पर पहुंची, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम भिजवा कर आरोपी संगम को हिरासत में लिया।
गर्म चाय छुआकर मासूम को करता था प्रताड़ित
मृतका रागिनी के प्रेम संबंध होने के बाद संगम का आए दिन उसके घर आना जाना था, जिसके कारण दिव्यांशी उसे पापा समझने लगी थी। पोस्टमार्टम हाउस में रोते हुए दिव्यांशी ने बताया कि पापा रोज मम्मी के साथ मारपीट करते थे और जोर-जोर से चिल्लाते थे। मम्मी कमरा बंद कर रोती रहती थी। दिव्यांशी ने अपने पैरों को दिखाते हुए बताया कि गुस्से में पापा उसको गर्म चाय छुआ कर जला देते थे। दिव्यांशी के पैरों में कई जगह पर जले के निशान भी मिले।
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