बुलंदशहर: 92 साल की सलीमन ने दी नवसाक्षर की परीक्षा, कहा- बचपन से ही पढ़ना चाहती थी लेकिन नहीं मिला मौका

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Published By Deepak Mishra
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बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद में साक्षर भारत अभियान के तहत बुनियादी साक्षर परीक्षा में 92 वर्ष की बुजुर्ग सलीमन ने नवसाक्षर बनने के लिए परीक्षा दी। बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉक्टर लक्ष्मीकांत पांडे ने बताया कि बुलंदशहर सदर तहसील के गांव चावली स्थित प्राथमिक विद्यालय में बने परीक्षा केंद्र पर रविवार को गांव की 92 वर्षीय बुजुर्ग महिला सलीमन परीक्षा देने पहुंची ।

जहां चाह, वहां राह की तर्ज पर काम कर रही सलीमन सभी के आकर्षक का केंद्र बनी। शाम के समय परीक्षा देकर विद्यालय से बाहर निकली सलीमन ने बताया कि कुछ माह पहले यूं ही बातों बातों में उन्होंने अपने पोते- पोतियों से अपनी पढ़ाई की इच्छा के विषय में बताया। इस पर पोते पोतियों ने उन्हें अक्षर ज्ञान देना शुरू किया सलीमन ने हाथ में कलम पकड़ी तो खुशी का ठिकाना ना रहा।

पूरी लगन के साथ वह बच्चों से अक्षर ज्ञान सीखने लगी। अक्षरों को मिलान कर शब्द निर्माण भी करने लगी और अपना नाम भी आसानी के साथ लिखने में महारथ हासिल कर ली। अब वह किताबों को आसानी से पढ़ने में महारत हासिल करने में लगी हुई हूं और इस में काफी कुछ सफलता भी हासिल हो चुकी है। सलीमन बताती है कि यह परीक्षा इसलिए दी कि पता लगे कि मैंने कितना कुछ सीखा है तथा पहली बार परीक्षा देकर खुशी महसूस हो रही है।

उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही पढ़ना चाहती थी परंतु मौका नहीं मिला आसपास स्कूल नहीं था और लड़कियों को पढाने का चलन भी समाज में कम था। उनका निकाल मात्र 14 साल की आयु में हो गया था तथा घर गृहस्थी की जिम्मेदारी के बीच पढ़ाई न कर पाने की कसक हमेशा बनी रहती थी।

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जनपद में नव साक्षर कार्यक्रम के तहत जिले के लक्ष्य 19975 के सापेक्ष 21000 लोगों को साक्षर किया जा चुका है इनमें से 72 63 नव साक्षरों की परीक्षा इसी वर्ष 19 मार्च 2023 को कराई गई है जबकि रविवार को 2863 नवसाक्षरों की परीक्षा कराई गई है।

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