अब्बास अंसारी के गलत दस्तावेजों के आधार पर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने के मामले में कोर्ट ने फैसला किया सुरक्षित

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Published By Sachin Sharma
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प्रयागराज। माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी व उनके अन्य रिश्तेदारों द्वारा राजस्व अभिलेखों में नाम दर्ज एवं अवैध कब्जा किए जाने के मामले में हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई खत्म हुई। मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायमूर्ति राजबीर सिंह की एकलपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।

दीपावली के बाद उक्त फैसला आने की संभावना है। वर्ष 2005 में कागजों में हेर फेर कर सरकारी जमीन की रजिस्ट्री कराने का आरोप है। इस जमीन पर गजल होटल बना हुआ है, जिस पर गाजीपुर के जिलाधिकारी द्वारा प्रकरण की जांच हेतु समिति का गठन किया गया था।

गौरतलब है कि मामले में दिनांक 19 सितंबर 2020 को लेखपाल सत्य प्रकाश द्वारा गाजीपुर के कोतवाली थाने में आईपीसी की विभिन्न धाराओं में अब्बास अंसारी के साथ 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। अब्बास अंसारी का तर्क है कि जमीन की रजिस्ट्री के वक्त उनकी उम्र महज 13 साल थी। यह रजिस्ट्री उनकी मां आफशां अंसारी ने अब्बास अंसारी के नाम पर कराई थी। मामले में गाजीपुर जिला कोर्ट ने अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी, जिसके बाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की गई है।

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