अयोध्या: सेवा समाप्ति की चपेट में आए 160 तदर्थ शिक्षक, संघ ने भरी हुंकार

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Published By Sachin Sharma
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अयोध्या। जिले के करीब साठ माध्यमिक विद्यालयों में तैनात 160 तदर्थ शिक्षक माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा जारी सेवा समाप्ति आदेश की चपेट में आए हैं। आदेश के बाद 18 माह से वेतन विहीन इन तदर्थ शिक्षकों का जीवन पूरी तरह से अंधकारमय हो गया है।

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एक ओर जहां प्रभावित तदर्थ शिक्षकों के परिवारों में गम का माहौल है, वहीं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से प्रभावितों के अधिकार दिलाने के लिए हुंकार भरी गई है। शुक्रवार को यहां उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की जिला इकाई ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा जारी तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्ति की घोषणा को एक तुगलकी फरमान बताया है।

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संघ ने इसे तुरन्त निरस्त करने की मांग की है। जिलाध्यक्ष राकेश पांडेय और जिला मंत्री आलोक तिवारी ने संयुक्त रूप से कहा है कि जिस तरह शिक्षा निदेशक द्वारा अपने पत्र में 93 से लेकर अब तक तक सभी तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया है, वह बहुत ही निंदनीय है। संगठन इसे  बर्दाश्त नहीं करेगा और इसके विरोध में संगठन द्वारा एक दिसंबर को शिक्षा निदेशक कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेगा।

संघ ने कहा है कि शिक्षा निदेशक जब तक अपने पत्र को वापस नहीं ले लेते तब तक आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष तथा मीडिया प्रभारी संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि 10 नवंबर 2023 को जारी अपर शिक्षा निदेशक का पत्र एक उपहार नहीं बल्कि शिक्षकों के डेथ वारंट पर हस्ताक्षर था।

हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली से ठीक पहले तदर्थ शिक्षकों पर एक बड़ा कुठारघात है। मुख्यमंत्री से अपील की है कि मामले में स्वयं हस्तक्षेप करके 93 से अब तक नियुक्त सभी तदर्थ शिक्षकों की सेवाओं को बहाल करने का आदेश जारी करवाएं। इसे लेकर आन्दोलन की तैयारी शुरू कर दी गई है।

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