बरेली: शीशगढ़ हत्याकांड...छह घंटे तक शाही-शीशगढ़ में एडीजी और आईजी ने खंगाले खेत और जंगल
सीरियल किलर या फिर अलग-अलग हत्यारोपी की थ्योरी पर पुलिस कर रही जांच
बरेली/ शीशगढ़, अमृत विचार। शाही और शीशगढ़ में जून से अब तक नौ महिलाओं की हत्या एक ही तरीके से की जा चुकी हैं। रविवार को शीशगढ़ में एक और महिला की हत्या के बाद अधिकारी भी सतर्क हो गए हैं। सोमवार को अपर पुलिस महानिदेशक जोन पीसी मीना, पुलिस महानिरीक्षक डॉ. राकेश सिंह ने एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान और अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ करीब छह घंटे तक शाही और शीशगढ़ में सभी घटना स्थलों पर जाकर खेतों और जंगलों में निरीक्षण किया। इस दौरान ड्रोन कैमरे की भी मदद ली गई, ताकि वीडियो फुटेज से कोई मदद मिल सके। अब पुलिस अलग-अलग हत्या के साथ साइको किलर की थ्योरी पर भी काम कर रही है।
शीशगढ़ इलाके में रविवार की शाम जगदीशपुर में उर्मिला (55) की हत्या कर दी गई थी। उनका शव खेत में पड़ा मिला था और सिर और नाक से खून निकल रहा था। साड़ी के फंदे से गला कसा हुआ था। जिनका पुलिस ने सोमवार को पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबा कर हत्या करने की पुष्टि हुई। साथ ही शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले हैं। सिर पर भी चोट के निशान पाए गए।
एसएसपी बोले-गांव के लोग टोली बनाकर करें गश्त
वहीं सोमवार को एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान और एसपी क्राइम ने शाही थाना परिसर में ग्रामीणों के साथ बैठक की। एसडीएम बहेड़ी और सीओ बहेड़ी डॉ. तेजवीर सिंह ने शीशगढ़ थाना परिसर में ग्रामीणों के साथ बैठक की। पुलिस ने गांव के लोगों से मदद की अपील की है।एसएसपी ने ग्रामीणों से कहा कि कोई महिला अकेले जंगल को न निकले। साथ ही अपने-अपने गांवों में 20-20 आदमियों की टोली बनाएं। टोली गांव के चारों तरफ गश्त करती रहे। अगर कोई व्यक्ति संदिग्ध दिखाई दे तो फौरन उसकी सूचना पुलिस को दें। स्वयं कानून हाथ में न लें। इस समस्या से जल्द निजात पाने को पुलिस के लिए ग्रामीणों का सहयोग जरूरी है।
हत्या में शामिल साइको किलर, या हर हत्या में अलग आरोपी
शाही में लगातार एक ही पैटर्न पर हुई हत्याओं के बाद सीरियल किलर की तरफ इशारा गया था, लेकिन पुलिस ने शुरू से इसे नकार दिया। अब पुलिस इस थ्योरी पर भी जांच कर रही है। वहीं नौंवीं हत्या के बाद से लोग काफी दहशत में हैं। पुलिस की टीमें डेरा डाले हुए हैं।
निगरानी से एक माह तक थमी रहीं हत्याएं
पिछले दिनों आईजी डॉ. राकेश सिंह ने तत्कालीन एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर घटनाओं के खुलासे के निर्देश दिए थे। सैकड़ों पुलिसकर्मियों का अमला शाही- शीशगढ़ इलाके में लगाया गया। अफसर कई दिन तक क्षेत्र में डटे रहे। ड्रोन से निगरानी कराई गई। गांव वाले भी खेतों में निगरानी करते रहे। इसके चलते 19 अगस्त से 31 अक्टूबर के बीच कोई घटना नहीं हुई। मगर इसके बाद निगरानी शिथिल हो गई और फिर से हत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया।
खुलासे से ज्यादा टालमटोल पर ध्यान केन्द्रित
इन घटनाओं को लेकर पुलिस का रवैया लापरवाही भरा रहा। पुलिस का ध्यान घटनाओं के खुलासे से ज्यादा टालमटोल का रहा। दबाव बना तो शाही की कुसुमा की हत्या में दो युवकों को जेल भेजकर खुलासा कर दिया। सेवा ज्वालापुर की वीरावती हत्या के महीने भर बाद उसकी बेटी के बयान पर एक व्यक्ति को जेल भेज कर पुलिस ने खुलासा किया। मगर ये दोनों ही खुलासे सवालों के घेरे में हैं।
शाही क्षेत्र में जून से अब तक हुई हत्याएं
-5 जून - शाही के गांव परतापुर निवासी कलावती का शव जंगल में पड़ा मिला था। उसके नाक-कान के आभूषण गायब थे। मगर इस मामले में परिजन ने पुलिस कार्रवाई नहीं की।
-19 जून - शाही रोड के किनारे गन्ने के खेत में कुल्छा गांव की धनवती का शव पड़ा मिला था। पोस्टमार्टम में विसरा सुरक्षित किया गया लेकिन हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
-30 जून - शाही के गांव आनंदपुर की प्रेमवती का शव गन्ने के खेत में मिला था गले में साड़ी का फंदा लिपटा। पोस्टमार्टम में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई थी।
-22 जुलाई - शाही के गांव खजुरिया निवासी कुसुमा की लाश मिर्च के खेत में मिली थी। पोस्टमार्टम में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई थी। रंपुरा गांव के राजेंद्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
-23 अगस्त - शाही के गांव सेवा ज्वालापुर निवासी वीरावती का शव जंगल में मिला था। पोस्टमार्टम में गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई थी।
-19 अगस्त - शाही के खेउ की गौटिया में पति नेपाल सिंह ने भीमवती को जिंदा जलाकर हत्या कर दी। इस मामले का खुलासा कर पुलिस ने आरोपी को जेल भी भेज दिया।
-31 अक्टूबर - शीशगढ़ के गांव लखीमपुर में 60 वर्षीय महमूदन की हत्या की गई थी। उनका शव गन्ने के खेत में मिला था और गले में दुपट्टे से फंदा कसा था।
-30 नवंबर - शाही के गांव खरसैनी निवासी 60 वर्षीय दुलारो देवी का सड़ा गला शव उनके खेत से बरामद हुआ और ऊपर से घास पड़ी हुई थी। उनके गले में भी साड़ी का फंदा कसा था।
शाही और शीशगढ़ क्षेत्र में सुबह 11 बजे से करीब 5 बजे तक घटना स्थल समेत जंगलों में निरीक्षण किया गया। साथ ही ग्रामीणों के साथ मीटिंग भी की गई। हत्याओं का खुलासा करने के लिए आधा दर्जन से अधिक टीमें लगाई गई हैं। सीरियल किलर से लेकर हर एक हत्या की अलग-अलग भी जांच की जा रही है। -डॉ. राकेश सिंह, आईजी
शाही-शीशगढ़ में लगातार हो रही हत्याओं को लेकर सभी घटना स्थल का निरीक्षण किया गया। टीमें गठित कर लगाई गई हैं। कई पहलुओं पर जांच की जा रही है। ड्रोन कैमरों से निगरानी कराई गई है। जल्द ही हत्याकांड का खुलासा किया जाएगा।-पीसी मीना, एडीजी बरेली जोन
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