पीलीभीत : 20 लाख की चोरी बनी पहेली, ना पीड़ित ना पुलिस को कार्रवाई की जानकारी..फिर भी दावे!

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
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पीलीभीत, अमृत विचार:  उत्तराखंड सीमा से सटे कस्बा मझोला में साढ़े चार माह पूर्व दिनदहाड़े हुई 20 लाख की चोरी पहेली बनकर रह गई है। घटना का खुलासा न होने पर कई दिन पूर्व फाइनल रिपोर्ट लगाए जाने का शोर मचा हुआ है। मगर कार्रवाई की जानकारी न पीड़ित को है, न ही थाना पुलिस।  ऐसे में नाकामी छिपाने के लिए अनभिज्ञता का सहारा जिम्मेदार लेते दिखाई दे रहे हैं।

वैसे तो चोरी की अधिकांश घटनाओं में पुलिस कार्रवाई की शुरुआत संदिग्धता से शुरू होती है और जैसे-तैसे पीड़ित मुकदमा दर्ज करा भी ले तो कार्रवाई फाइनल रिपोर्ट लगाने तक सीमित रहती है।  या फिर खुलासा किया भी जाए तो बरामदगी को लेकर पीड़ित पक्ष संतुष्ट नहीं दिखता। कुछ इसी तरह का हाल मझोला कस्बे में दिनदहाड़े हुई बहुचर्चित चोरी की वारदात में की गई कार्रवाई का है।    घटना एक अगस्त को हुई थी। कस्बा मझोला के रहने वाले पेस्टीसाइड व्यापारी विजेंद्र भाटिया दुकान पर थे। उनकी पत्नी दोपहर में कुछ ही दूरी पर स्थित गुरुद्वारे में चली गई थी। इस बीच बंद मकान को निशाने पर लेकर चोरों ने दिनदहाड़े वारदात को अंजाम दे डाला। यहां से चोर पांच हजार रुपये, करीब 20 लाख के जेवरात समेट ले गए थे। घटना की अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। व्यापारी नेताओं ने घटना की निंदा करते हुए असुरक्षा की भावना पैदा होने तक की बात कही और जल्द खुलासे की मांग की। थाना न्यूरिया पुलिस के अलावा एसओजी टीम को लगा दिया गया। शुरुआत में बरेली, रामपुर, शाहजहांपुर समेत कई जिलों की पुलिस से संपर्क कर सक्रिय अपराधियों के बारे में जानकारी की। इसके अलावा शक गहराने पर उत्तराखंड के कई शातिर चोरों को हिरासत में लेकर पूछताछ चली, लेकिन कोई सुराग न मिला और फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। किन्हीं कारणों के चलते व्यापारी नेताओं को बैकफुट पर आना पड़ गया। जिसके बाद अब साढ़े चार माह बीत चुके हैं। अब तो अधिकारी घटना को भुला चुके हैं। पीड़ित को भी खुलासे की आस मिट चुकी है। नतीजतन कार्रवाई को लेकर की जा रही दौड़ भाग के बाद भी नाकाम होने पर घटना का शोर थमते ही बिना खुले ही घटना दब गई। नतीजा ढाक के तीन पात के समान ही रहा। अब तो पीड़ित को दोबारा पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी। माना जा रहा है कि पुलिस कब का फाइनल रिपोर्ट लगा भी चुकी है। हास्यास्पद बात ये है कि न्यूरिया पुलिस ही कार्रवाई को लेकर अनभिज्ञता जता रही है।

घटना की अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसके बाद शुरुआत में तो पुलिस चल रही कार्रवाई की जानकारी देती रही। मगर इसके बाद कुछ बताया नहीं गया है। इतना पता है कि खुलासा तो घटना का नहीं हो सका है। विवेचना चल रही है या फाइनल रिपोर्ट लगी। इसकी जानकारी भी नहीं दी गई है। - विजेंद्र भाटिया, पीड़ित

ये मामला मेरी कार्यभार संभालने से पूर्व का है। विभागीय कार्य से बाहर आया हुआ हूं। इस घटना की जानकारी नहीं है। अभिलेख चेक करने के बाद ही कुछ बताया जा सकेगा कि विवेचना चल रही है या नहीं। - प्रदीप बिश्नोई, एसओ न्यूरिया

इस घटना में अज्ञात पर एफआईआर दर्ज की गई थी। काफी पड़ताल करने के बाद भी चोर नहीं मिल सके थे। विवेचना चल रही या खत्म हो गई। इसे देखकर बताया जा सकेगा। - प्रतीक दहिया, सीओ सदर

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