शाहजहांपुर: रायपुर में बाघिन ने सांड को बनाया निवाला, दहशत

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Published By Vikas Babu
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खुटार, अमृत विचार: गांव रायपुर पटियात में गेहूं के खेत में बाघिन ने छुट्टा सांड को निवाला बना लिया। गन्ने की छिलाई कर रहे श्रमिकों ने देखा तो अफरातफरी मच गई। श्रमिकों और ग्रामीणों के लाठी-डंडा फटकारने और पटाखा छोड़ने के बाद बाघिन गन्ने के खेत में वापस चली गई। सूचना पाकर वन विभाग की टीम पहुंची और खेत में मिले पगचिन्हों को ट्रेस किया। वन विभाग की टीम ने बाघिन के हमले से साड़ की मौत होने की पुष्टि की है। बाघिन की चहलकदमी से ग्रामीणों में दहशत है।

गांव रायपुर पटियात निवासी पूर्व प्रधान विजय सिंह का खेत पूर्व दिशा में गांव के मजरा मोहरेया में है। करीब छह से सात एकड़ खेत है। खेत में अलग-अलग हिस्सों में गन्ना, लाही और गेंहू की फसल कर रखी है। पूर्व प्रधान विजय सिंह के खेत में गन्ने की छिलाई हो रही है।

शुक्रवार सुबह गांव के ही अमर सिंह, रामपाल, सियाराम, प्रदीप, सुधीर आदि श्रमिक गन्ने की छिलाई कर रहे थे। करीब साढ़े सात बजे विजय सिंह के गेंहू के खेत के ऊपर कौए उड़ते देखा। श्रमिकों ने खेत की ओर जाकर देखा तो बाघिन छुट्टा सांड पर हमला कर उसका मांस खा रही थी।

श्रमिकों ने शोर मचाने और खदेड़ने का प्रयास किया, लेकिन बाघिन ने दहाड़ कर हमलावर होने लगी। श्रमिकों ने भागकर अपनी जान बचाई। सूचना पर काफी संख्या में ग्रामीण लाठी डंडा, और धारदार हथियार लेकर मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने लाठी डंडा जमीन पर फटकारी और पटाखे छुड़ाना शुरू कर दिया। इसके बाद विजय सिंह के खेत में दूसरे हिस्से में खड़े गन्ने में बाघिन चली गई। ग्रामीणों ने इसकी सूचना रेंजर मनोज श्रीवास्तव को दी।

सूचना मिलते ही रेंजर ने वनरक्षक संतोष गौड़, संतोष पाठक, सहदेव, छोटे सिंह आदि वननकर्मियों को मौके पर भेजा। जहां वनकर्मियों ने खेत में मिले पगचिन्हों को ट्रेस किया। वन विभाग की टीम का दावा है कि यह पगचिन्ह बाघिन के हैं। बाघिन ने ही सांड पर हमला किया है। वनकर्मियों ने ग्रामीणों को सतर्कता बरतने की अपील की है।

आधा बीघा गेहूं की फसल हुई बर्बाद
वन कर्मियों का अनुमान है कि शुक्रवार सुबह पूर्व प्रधान विजय सिंह के गेहूं के खेत में बाघिन और छुट्टा सांड के बीच घमासान लड़ाई हुई। जिससे करीब आधा बीघा गेंहू तहस नहस हो गया। बाघिन ने सांड़ पर कई बार हमला किया होगा और उसके प्रहार को रोकता रहा। अंत में बाघिन के पंजों से घायल सांड जमीन पर गिर गया और उसे निवाला बना लिया।

25 दिसंबर से देखी जा रही बाघिन
ग्रामीणों की मानें तो 25 दिसंबर से बाघिन की चहलकदमी बरकरार है। जिस कारण बाघिन की दहशत से किसान और श्रमिक खेत पर काम करने नहीं पहुंच पा रहे हैं। डर के साए में गन्ने की छिलाई के साथ अन्य काम करके शाम होने से पहले घर लौट आते हैं। शुक्रवार सुबह बाघिन ने खेत में घूम रहे एक छुट्टा सांड पर हमला कर उसे निवाला बना लिया। जबकि श्रमिकों पर भी हमला करने का प्रयास किया। लेकिन जान बचाकर श्रमिक भाग निकले।

शव को दफनाया
वनकर्मियों ने खेत में पड़े सांड़ के शव को कुछ दूरी पर गड्ढा खोदकर दफना दिया गया। वनकर्मियों के ठहरने तक ही श्रमिक गन्ने की छिलाई का काम करते रहे। इसके बाद बाघिन की दहशत से गन्ने की छिलाई बंद करके वापस घर लौट गए।

एक दिन पहले शावकों के साथ देखे गए थे बाघ और बाघिन
गांव रायपुर पटियात निवासी सूरज, अनूप वर्मा बृहस्पतिवार रात करीब साढ़े सात बजे ट्रैक्टर से खेत की जुताई करने जा रहे थे। गांव की मोड़ के पास बाघिन देखी गई। घना कोहरा में साफ दिखाई भी नहीं पड़ रहा था। बाघिन के डर से वापस घर लौट गए। इसके बाद दोबारा गांव की मोड़ के समीप शावकों के साथ बाघ और बाघिन को देखा गया तो लोगों के होश उड़ गए।

आठ दिन पहले बाघ ने युवक पर किया था हमला
गांव मुरादपुर निबियाखेड़ा निवासी 20 वर्षीय अश्वनी के 22 दिसंबर को गांव नरौठा हंसराम में घास काटने के दौरान बाघ ने हमला कर दिया था। किसानों ने शोर शराबा कर लाठी डंडों से दौड़ाया तो तब उसकी जान बच पाई थी।

सूचना मिली थी वनकर्मियों को तत्काल मौके पर भेजा गया था। मौके से बाघ के पगचिह्न मिले हैं। साथ ही अधखाये शव को दफनाया गया है। ग्रामीणों को सचेत रहने और खेत पर समूह बनाकर जाने को कहा गया है---मनोज श्रीवास्तव, रेंजर खुटार।

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