पीलीभीत: 65 लाख की लागत से बनी 23 दुकानें तीन साल से हो रही कंडम, अभी तक नहीं हुई नीलामी

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Published By Vishal Singh
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2021 में बोर्ड ने थी 23 दुकानों की स्वीकृति, शुरुआत में बोली की कीमत अधिक होने के कारण नहीं हुई थी नीलामी

पीलीभीत, अमृत विचार। नगरपालिका ने अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए  वाटर वर्क्स के बाहर खाली पड़ी जगह पर दुकानें बनाई थी। जिनकी नीलामी कराने के बाद उनसे मुनाफा कमाने की प्लानिंग कामयाब नहीं हो सकी है। निर्माण हुए तीन साल बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक  65 लाख रुपये की लागत से तैयार इन दुकानों की नीलाम नहीं कराई जा सकी है। जिस वजह से दुकानें कंडम होने की कगार पर आ चुकी है। कई के शटर भी खराब होने लगे हैं। मुनाफा तो दूर की बात पालिका अपने लगाए गए 65 लाख रुपये भी नहीं निकाल सकी है।

शहर में कोतवाली के पास वाटर वर्क्स है। इसके मुख्य द्वार के समीप खाली जगह थी। जिसका प्रयोग करने की रणनीति बनाई गई। तत्कालीन बोर्ड ने  2021 में सदन के समक्ष वहां पर दुकानें बनाने का प्रस्ताव रखा था। दुकानें बनाने के बाद उनकी नीलामी कराकर किराये पर उठाने की कार्ययोजना तैयार की गई। जिसके पीछे पालिका की आमदनी बढ़ाने का उद्देश्य था। प्रस्ताव पास होने के बाद वर्ष 2021 में ही वहां पर दुकानों का निर्माण कराना शुरु कर दिया गया। 

कुल 23 दुकानों का निर्माण कराया गया, जोकि विभिन्न साइज पर तैयार की गई थी। दुकानें बनने के बाद उनकी नीलामी का प्रस्ताव तैयार किया। बोर्ड बैठक में लागत से 20 फीसदी बढ़ोत्तरी के साथ नीलामी करने का प्रस्ताव पास किया गया। ऐसे में साढ़े पांच लाख, 4.15 लाख और 3.50 लाख रुपये की धनराशि निर्धारित हुई थी। मगर नीलामी बोली में और बढ़ोत्तरी कर दी गई थी। फिर साढ़े सात लाख रुपये तक रेट पहुंच गया। जिस वजह से लेनदार पीछे हट गए और  दुकानें नीलाम नहीं हो सकी। दुकानों की नीलामी को लेकर प्रयास सिर्फ बयानबाजी तक सीमित रह गए। अभी भी दुकानों का पुन: एस्टीमेट तैयार नहीं किया जा सका।

वाटर वर्क्स के पास बनवाई गई दुकानों को लेकर प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। जल्द ही समस्त दुकानों को लागत से कुछ फीसदी धनराशि अतिरिक्त पर नीलाम किया जाएगा। बोर्ड में भी सहमति ली जाएगी- डॉ. आस्था अग्रवाल, चेयरमैन नगर पालिका पीलीभीत।

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