बरेली: पिंजड़े में कैद हुआ आदमखोर तेंदुआ
बरेली, अमृत विचार। बहेड़ी के बुझिया गांव में छात्रा को अपना निवाला बनाने वाला आदमखोर तेंदुआ आखिरकार वन विभाग के बिछाए जाल में फंस गया। जिस खेत में तेंदुए ने बच्ची के शव के टुकड़े किए थे वन विभाग ने उसी गन्ने के खेत में पिंजड़ा लगाकर तेंदुए को पकड़ लिया। बुधवार सुबह जब गांव …
बरेली, अमृत विचार। बहेड़ी के बुझिया गांव में छात्रा को अपना निवाला बनाने वाला आदमखोर तेंदुआ आखिरकार वन विभाग के बिछाए जाल में फंस गया। जिस खेत में तेंदुए ने बच्ची के शव के टुकड़े किए थे वन विभाग ने उसी गन्ने के खेत में पिंजड़ा लगाकर तेंदुए को पकड़ लिया। बुधवार सुबह जब गांव वाले खेत में पहुंचे तो तेंदुआ उन्हें पिंजड़े में कैद मिला। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने तेंदुए को बड़े पिंजड़े में कैद कर लिया। गुरुवार सुबह उसे बिजनौर के अमानगड़ के जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
सोमवार रात करीब आठ बजे शीशगढ़ के गांव बुझिया में किसान बबलू की 11 साल की बेटी उपासना को तेंदुआ पकड़कर ले गया था। दूसरे दिन गांव के बाहर गन्ने के खेत में बालिका का शव पड़ा मिला था। तेंदुए ने बालिका को अपना निवाला बना लिया था। इसके बाद वन विभाग की टीम ने इसी गन्ने के खेत में पिंजड़ा लगाकर तेंदुए को पकड़ने की योजना बनाई।
इसमें उन्हें सफलता मिल गई। पिंजड़े में एक बकरा बांधा गया। शिकार की तलाश में तेंदुआ जैसे ही पिंजरे के अंदर घुसा उसमें कैद होकर रह गया। सुबह गांव वाले जब पिंजड़े को देखने आए तो उसमें तेंदुआ देखकर हैरत में रह गए। लोगों ने मोबाइल से तेंदुए की वीडियो बनाई। तेंदुए के पिंजड़े में कैद होने की सूचना पर वन विभाग के अधिकारी एक बड़ा पिंजड़ा लेकर आए। इसमें तेंदुए को शिफ्ट किया गया।
पिंजरे में बांधा गया था बकरा, उसके भी मिले टुकड़े
गन्ने के खेत में रखे पिंजड़े में बकरा बांधा गया था। वन विभाग की टीम ने जो योजना बनाई थी उसके मुताबिक ही सबकुछ हुआ। देर रात तेंदुए ने जैसे ही पिंजरे के अंदर जाकर उसका शिकार किया उसका दरबाजा अपने आप बंद हो गया। मुख्य वन संरक्षक ललित कुमार वर्मा ने बताया कि वन विभाग की टीम तेंदुए को बिजनौर के अमानगढ़ जंगल में लेकर गई है। गुरुवार सुबह उसे किसी पानी भरी जगह पर छोड़ा जाएगा। जिससे कि यदि उसे प्यास लगी हो तो वह वहां से पानी पीकर जंगल में जा सके।
आधा दर्जन से अधिक जानवरों का कर चुका था शिकार
बीते 12 दिनों में आदमखोर तेंदुए ने करीब सात जानवरों का शिकार किया था। तेंदुए ने सबसे पहले सुकटिया गांव के तीन सुअरों का शिकार किया था। उसके ठीक दो दिन बाद दो बकरियों को खा गया था। अगले दिन तेंदुए ने खिजरपुर गांव में ही नीलगाय का शिकार किया था। लगातार जानवरों का शिकार होते देख ग्रामीणों ने जानवरों को घरों के बाहर बांधना बंद कर दिया था।
“बुझिया गांव में गन्ने के खेत में पिंजड़ा लगाकर तेंदुए को पकड़ लिया गया है। अब उसे गुरुवार सुबह बिजनौर के अमानगढ़ जंगल में छोड़ा जाएगा।” — ललित कुमार वर्मा, मुख्य वन संरक्षक
