बदायूं: महिला ने सांसद को बताया आवास लेने को दिए 30 हजार रुपये, शासन ने की बड़ी कार्रवाई...

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बदायूं, अमृत विचार: आंवला सांसद के सामने लाभार्थी द्वारा रिश्वत के 30 हजार रुपये लिए जाने की वायरल वीडियो का शासन ने संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई की है। सूडा के अपर निदेशक ने पीओ डूडा देवेश कुमार सिंह को निलंबित करते हुए उनके मूल विभाग में भेज दिया है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश संबंधित अधिकारी को दिए हैं। डीएम ने म्यूनिसिपल सिविल इंजीनियर शिव कुमार को बर्खास्त कर दिया है। साथ ही योजना की मॉनीटरिंग करने वाली संस्था को डिबार कर दिया है। 

गुरुवार को नगर उसावां विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान शहरी पीएम आवास योजना की लाभार्थी महिला शारदा को आवास की चाबी आंवला सांसद धर्मेन्द्र कश्यप ने सौंपी थी। उनके द्वारा पूंछा गया कि किसी ने पैसे तो नहीं लिए हैं। इस पर लाभार्थी ने 30 हजार रुपये लिए जाने की बात सांसद से कही। जिस पर सांसद ने गंभीरता दिखाते हुए जांच के निर्देश दिए थे। 

वहीं इसका वीडियो भी सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो गया। शासन ने संज्ञान लेकर पीओ डूडा देवेश कुमार को तत्काल निलंबित करते हुए उनके मूल विभाग उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड वापस भेजना गया है। अपर निदेशक आनंद कुमार शुक्ला ने डीएम को आदेश जारी कर दिए। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने को कहा। 

जिसपर डीएम ने जिला नगरीय अभिकरण विभाग में तैनात म्यूनिसिपल इंजीनियर शिव कुमार को बर्खास्त कर दिया है। इसके अलावा शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना की मॉनिटरिंग करने वाली संस्था मैसर्स सरयू बाबू इंजीनियर फॉर रिसोर्स डेवलपमेंट को डिबार कर दिया है। निदेशक ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में इस प्रकार की शिकायत मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना में रिश्वत देने की बात कहने का वीडियो देखा था। पीओ डूडा को निलंबित और इंजीनियर को बर्खास्त कर किया गया है। संस्था को डिबार कर दिया है। पीओ डूडा को उनके मूल पद पर विभाग भेजे जाने की कार्रवाई की जाएगी--- मनोज कुमार, जिलाधिकारी।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया एक्स
वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोशल साइट एक्स पर मामले को लेकर टिप्पणी की है। लिखा ये है भाजपा-राज के तथाकथित अमृतकाल के विकसित भारत का स्पीकर पर गूंजता कड़वा सच। कभी कोई माइक पर सरेआम रिश्वत लेकर पीएम आवास में घर दिए जाने की बात कर रहा है, कभी कोई माइक-स्पीकर लगाकर मन की भड़ास निकालने की अर्जी प्रशासन को दे रहा है। 

सवाल ये है कि इस घूस का पैसा किन-किन लोगों की जेब में पहुंच रहा है। कहीं भाजपा की दिखावटी जन-कल्याण योजनाएं उनके अपने लिए धन-कल्याण की योजना तो नहीं हैं ? सपा की मांग है कि इस सरेआम-आरोप की गंभीर जांच हो ओर अधिकारियों से लेकर, भाजपा के जन-प्रतिनिधियों तक किसी को भी राजनीतिक प्रश्रय देकर बचाया न जाए। जो गरीब को घर देने में भी घूस मांग लें, वो भाजपाई किसी का कल्याण क्या करेंगे।

वहीं सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने भी पूर्व मुख्यमंत्री की पोस्ट पर टिप्पणी की। कहा कि यह भाजपा का जीरो टॉलरेंस है। जहां बिना पैसे के न आवास मिलता है और न ही न्याय। भ्रष्टतंत्र में सब मौन हैं। सरकार बताएं ? गरीब का हिस्सा लूटने वाला कौन है।

जांच करने पहुंचे पीओ, महिला बात से मुकरी
आवास के लिए रुपये लेने का मामला सामने आने के बाद डूडा के परियोजना अधिकारी देवेश कुमार सिंह महिला के पास पहुंचे। महिला से बात करने के अलावा महिला के बेटे से बात की। रुपये किसे दिए इसकी जानकारी की लेकिन महिला अपनी बातों से पलट गई। उसने कहा कि किसी ने रुपये नहीं लिए। मुकेश ने कहा कि मां 70 साल की हो गई हैं। बुढ़ापे में पता नहीं कैसे यह बात बोल गईं।

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