कानपुर: लेनदेन के विवाद में कारोबारी को कमरे में बंद कर दी थर्ड डिग्री, बिगड़ी तबियत तो हॉस्पिटल में कराया भर्ती, दरोगा निलंबित

कानपुर, अमृत विचार। नौबस्ता थाने में तैनात दरोगा ने लेनदेन के विवाद में कारोबारी को कमरे में बंद कर थर्ड डिग्री दी। हद से ज्यादा बर्बरता करने पर कारोबारी की तबियत बिगड़ गई, जिस पर दरोगा के हाथ पैर फूल गए। हालत बिगड़ने पर दरोगा ने कारोबारी के छोटे भाई को बुलाकर सरकारी गाड़ी से निजी अस्पताल में भर्ती कराया। गंभीर हालत देख डॉक्टरों ने उसे आईसीयू में भर्ती किया। घटना की जानकारी पर डीसीपी साउथ ने दरोगा को निलंबित कर दिया।
हंसपुरम सरस्वती नगर निवासी हृदेश उर्फ ऋतिक गुप्ता की घर में ही अंबर प्लाईवुड एंड हार्डवेयर के नाम से दुकान है। हृदेश के साथ उनका छोटा भाई तेजस्वी भी कारोबार में हाथ बंटाता है। तेजस्वी ने बताया कि नौबस्ता निवासी सौरभ भदौरिया भी हार्डवेयर कारोबारी है।
वर्ष 2022 में सौरभ भदौरिया ने चकेरी हरजेंदर नगर निवासी एक सरदार जी को माल दिया था, जिसमें भाई ऋतिक को गारंटर बनाया गया था। पार्टी ने माल के एवज में जो चेक दीं, वो बाउंस हो गईं। जिसके बाद से सौरभ हृदेश पर पैसों के लिए दबाव बनाने लगा। तेजस्वी ने बताया कि भाई ने कुछ पैसा भी दिलवाया था। बीते एक महीने से सौरभ बड़े भाई से बकाया चुकाने का दबाव बना रहा था। विरोध कर धमकी दे रहा था।
आरोप लगाया कि बीती 19 जनवरी को नौबस्ता थाने में तैनात दरोगा वीरेश यादव दुकान पर आए और सौरभ भदौरिया के रुपये लौटाने का दबाव बनाने लगे। जिस पर उन्होंने पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से शिकायत भी की। बताया कि गुरुवार सुबह दरोगा वीरेश ने हृदेश को फोन कर थाने बुलाया। दोपहर करीब 12 बजे हृदेश छोटे भाई तेजस्वी के साथ थाने पहुंचा।
जिसके बाद दरोगा वीरेश ने तेजस्वी को थाने से भगा दिया और हृदेश का मोबाइल छीन कर थाने की पहली मंजिल पर स्थित कमरे में ले गया। इसके बाद हृदेश की पिटाई की। बताया कि करीब दो घंटे बाद अचानक दरोगा भागता हुआ नीचे आया और हृदेश की तबियत खराब होने की जानकारी दी। तेजस्वी ने बताया कि वह कमरे में पहुंचा तो देखा की कि हृदेश जमीन पर पड़ा तड़प रहा था साथ ही कान समेत अन्य जगहों पर चोट के निशान थे।
तेजस्वी हृदेश को लेकर निजी अस्पताल पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने उसे आईसीयू में भर्ती किया। होश में आने के बाद हृदेश ने बताया कि दरोगा वीरेश ने उसकी जमकर पिटाई की। मामला तूल पकड़ने के बाद एडीसीपी अंकिता शर्मा हृदेश का हालचाल जानने अस्पताल पहुंची। एडीसीपी ने बताया कि प्रथम दृष्टया दरोगा को दोषी पाया गया है, जिस पर उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
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