बरेली: डमरू का नहीं हो सका लोकार्पण, CM योगी के देरी से पहुंचने पर अफसरों की तैयारी पर फिरा पानी
फोटो- आदिनाथ चौक पर लगा डमरु।
बरेली: अमृत विचार: मुख्यमंत्री के बरेली आने की खबर के बाद अफसरों ने डेलापीर से आदिनाथ बने चौराहे पर लगे डमरू का आननफानन उनसे लोकार्पण कराने की तैयारी की लेकिन तय समय से पांच घंटे देरी से उनके यहां पहुंचने के कारण सबकुछ धरा रह गया। त्रिशूल हवाई अड्डे पर उतरे मुख्यमंत्री आदिनाथ चौराहे से ही गुजरते हुए सीधे सर्किट हाउस चले गए।
नाथनगरी कॉरिडोर का हिस्सा बने आदिनाथ चौराहे पर डमरू लगाकर उसका नाथ महोत्सव में मुख्यमंत्री से लोकार्पण कराने की योजना पहले से थी। लेकिन शनिवार रात मुख्यमंत्री के आने की खबर मिली तो अफसरों ने रविवार को ही उनसे लोकार्पण कराने की तैयारी शुरू कर दी। पूरे दिन युद्धस्तर पर काम हुआ। मुख्यमंत्री के दोपहर तीन बजे आने की सूचना थी। अफसरों ने उनसे सर्किट हाउस जाते हुए तीन बजे ही लोकार्पण कराने की योजना बनाई, फिर शाम पांच बजे का समय तय कर दिया। इस बीच मुख्यमंत्री के आने पर अनिश्चितता बनी रही।
शाम पांच बजे के बाद अफसर मान बैठे कि अब मुख्यमंत्री नहीं आएंगे। रात आठ बजे उनके त्रिशूल एयरपोर्ट पर उतरने के बाद प्रशासन फिर सक्रिय हुआ लेकिन मुख्यमंत्री ने डमरू का लोकार्पण नहीं किया। उनकी फ्लीट आदिनाथ चौराहे से ही गुजरती हुई सीधे सर्किट हाउस निकल गई।
चौराहे का नगर निगम कई महीनों से सौदर्यीकरण करा रहा था लेकिन शनिवार देर रात से काम तेज कर दिया गया। रात भर में ही रोशनी का इंतजाम कर पेट्रोल पंप से आईवीआरआई की ओर जाने वाली सड़क को बना दिया गया और रोलर चलाकर पेंट भी करा दिया गया। रविवार सुबह अफसरों ने यहां डेरा जमा लिया। मजदूरों की संख्या बढ़ा दी गई। नगर निगम के निर्माण विभाग से लेकर मार्ग प्रकाश, स्वास्थ्य, विज्ञापन विभाग तक के अफसर और कर्मचारी चौराहा तैयार करने में जुट गए। फिर भी शाम तीन बजे तक कई काम रह गए। इस बीच मुख्यमंत्री के तीन के बजाय पांच बजे आने की खबर मिली तो काम ने फिर तेजी पकड़ी।
लोकार्पण का पत्थर लगाने का समय आया तो पता चला कि पत्थर लखनऊ से बरेली के रास्ते में है। शाम साढ़े पांच बजे लोकार्पण पत्थर और सजावट के लिए फूल लेकर गाड़ी पहुंची। पत्थर को उतारकर सड़क पर रखा गया तभी बताया गया कि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम बदल गया है। इस पर पत्थर को फिर गाड़ी पर रखवा दिया गया। इस बीच चौराहे पर ज्यादातर काम पूरे हो चुके थे। डमरू को फिलहाल कपड़े से ढक दिया गया है।
ग्रेनाइट का बना डमरू चार टन का
आदिनाथ चौराहे पर रविवार सुबह डमरू स्थापित किया गया। जयपुर के पास मकराना से चार टन का यह डमरू इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी की ओर से लगवाया गया है। मेयर उमेश गौतम ने बताया कि चौराहे पर लगे डमरू की खासियत है कि इसमें कहीं कोई जोड़ नहीं है। यह सिंगल ग्रेनाइट पीस से बना है---निरीक्षण करने पहुंचे मेयर और नगर आयुक्त।
आदिनाथ चौराहे पर डमरू स्थापित होने के बाद मेयर उमेश गौतम नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स के साथ यहां निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने यहां बनी रोटरी के सौदर्यीकरण और लाइट की व्यवस्था के बारे में पूछा। मुख्य अभियंता पुनीत ओझा ने बताया कि चारों तरफ हैलोजन लाइट लगाई जा रही हैं जिनका फोकस डमरू पर होगा। शाम तक बिजली कनेक्शन और रोटरी का काम पूरा हो जाएगा। मेयर ने अफसरों को तेजी से बाकी काम पूरा कराने को कहा। नगर आयुक्त ने भी कुछ जगह सुधार के निर्देश दिए।
यह भी पढ़ें- बरेली: किसानों का बढ़ेगा बोझ, आलू भंडारण के लिए करनी होगी जेब ढीली
