Unnao: जागरूकता स्टीकर और नारे स्कूलों में बढ़ाएंगे नामांकन...बेसिक स्कूलों में आज से शुरू नया शिक्षा सत्र

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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बेसिक स्कूलों में आज से नया शिक्षा सत्र शुरू

उन्नाव, अमृत विचार। परिषदीय विद्यालयों में सोमवार से 2024-25 शिक्षा सत्र की शुरुआत हो रही है। इसी के साथ कक्षा एक में अधिक से अधिक बच्चों का नामांकन कराने का शिक्षकों पर दबाव शुरू होगा। इसलिए शिक्षकों ने गढ़े हुए नारों के साथ सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक जागरूकता स्टीकर पहुंचाने पर जोर दे रखा है। 

बता दें शिक्षा अधिकार के तहत अब छह वर्ष की उम्र में कक्षा एक में प्रवेश दिया जाना है। पिछले सत्र में बीएसए ने सैकड़ों शिक्षकों का वेतन रोकते हुए नामांकन कराने का दबाव बनाया था, जिस पर शिक्षक नेताओं ने प्रवेश की आयु सीमा बढ़ाए जाने का हवाला देकर गांवों में स्कूल न जाने वाले बच्चों की अनुपलब्धता का दावा किया था। उन्होंने अगले शिक्षा सत्र में नामांकन बढ़ने की बात कही थी। 

विभाग ने इस बार शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले ही प्राथमिक शिक्षकों को जागरूकता स्टीकर उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। इन स्टीकर में जहां निःशुल्क शिक्षा व पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने की सुविधा बताई गई है। वहीं ड्रेस व बैग खरीदने को 1200 रुपए, गुणवत्ता युक्त मध्यांह्न भोजन, स्वच्छ व सुंदर परिवेश, प्रशिक्षित व योग्य शिक्षकों की उपलब्धता व विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु प्रतिबद्धता की जानकारी दी गई है। 

प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा का स्तर भले ही निचले स्तर का ठहराया जाता है, लेकिन विभाग सहित शिक्षकों ने स्कूल खुलने से पहले ही अपेक्षित नामांकन के लिए जद्दोजहद शुरू कर दी है। 

इसके लिए जहां शिक्षकों के बीच व्हाट्स एप पर स्टीकर फारवर्ड किए जाने लगे हैं। वहीं तकरीबन दो दर्जन नारों का आदान-प्रदान भी किया जा रहा है, जिनमें ’कोई न छूटे इस बार-शिक्षा है सबका अधिकार’, ’हिंदू-मुस्लिम सिख-इसाई -मिलकर सब करें पढ़ाई’, ’आधी रोटी खायेंगे-स्कूल जरूर जाएंगे’, ’अब न करो अज्ञानता की भूल-हर बच्चे को भेजो स्कूल’, ’एक भी बच्चा छूटा-संकल्प हमारा टूटा’, ’घर-घर विद्या दीप जलाओ-अपने बच्चे सभी पढ़ाओ’, ’पढ़ी लिखी नारी-घर-घर की उजियारी’, ’पढेंगे पढ़ायेंगे-उन्नत देश बनाएंगे’, ’अनपढ़ होना है अभिशाप-अब न रहेंगे अंगूठा छाप’, ’शिक्षा से देश सजाएंगे-हर बच्चे को पढ़ाएंगे’, ’21वीं सदी की यही पुकार-शिक्षा है सबका अधिकार’, ’हर घर में चिराग जलेगा-हर बच्चा स्कूल चलेगा’, ’लड़का-लड़की एक समान-यही संकल्प यही अभियान’, मम्मी पापा हमें पढ़ाओ-स्कूल में चलकर नाम लिखाओ’, ’हम भी स्कूल जाएंगे-पापा का मान बढ़ाएंगे’, ’दीप से दीप जलाएंगे-साक्षर देश बनाएंगे’, ’मिड डे मील हम खाएंगे-स्कूल में पढ़ने जाएंगे’, ’शिक्षा ऐसी सीढ़ी है-जिससे चलती पीढ़ी है’, ’सर्व शिक्षा का है कहना-पढ़ने जायें भाई बहना’, ’सर्व शिक्षा का अभियान-सबको मिले प्राथमिक ज्ञान’, ’पापा सुनलो विनय हमारी-पढ़ने की है उम्र हमारी’, ’बच्चे मांगे प्यार दो-शिक्षा का अधिकार दो’ व ’हम बच्चों का नारा है-शिक्षा अधिकार हमारा है’, आदि नारे शामिल हैं। परिषदीय शिक्षक-शिक्षिकाएं इन नारों को नामांकन बढ़ाने के लिए शुरू होने वाले प्रचार अभियान के दौरान औजार के रूप में इस्तेमाल करेंगे।

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