Allahabad High Court: आजम खान के करीबी सीओ आले हसन के मामले में सरकार से जवाब तलब

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Published By Deepak Mishra
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प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के करीबी सीओ आले हसन के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगते हुए जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है। उसके एक सप्ताह के भीतर याची को प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश भी दिया गया है। 

मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की पीठ के समक्ष हुई। याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याची का तबादला 21 सितंबर 2016 को मुरादाबाद कर दिया गया था। इसके साथ ही साधना गोस्वामी पुलिस अधीक्षक के रूप में उस समय रामपुर में तैनात नहीं थी।  अतः शिकायतकर्ता के पास उनसे मिलने और पुलिस कर्मियों की कथित मनमानी के संबंध में अपनी शिकायत करने का कोई अवसर नहीं था। 

उपरोक्त तर्कों को सुनने के बाद मामले को आगामी 24 मई 2024 के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया है। सुनवाई की अगली तारीख तक याची के खिलाफ उपरोक्त मामले की आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है। मालूम हो कि शिकायतकर्ता अबरार हुसैन ने रामपुर के गंज थाना में 13 अगस्त 2019 को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आले हसन और तीन अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। 

मामले के अनुसार 6 दिसंबर 2016 को याची सहित अन्य आरोपियों ने शिकायतकर्ता के घर में घुसकर मारपीट और लूटपाट की, साथ ही उस पर जानलेवा हमला भी किया गया और अवैध रूप से उसके घर पर बुलडोजर चलवा दिया गया, जिसकी शिकायत शिकायतकर्ता ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक साधना गोस्वामी से की तो उन्होंने शिकायतकर्ता की मदद करने से साफ इनकार कर दिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि सपा सांसद आजम खान के करीबी होने के कारण तत्कालीन सीओ आले हसन के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई।

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