बरेली: एनीमिया की शिकार महिलाएं ज्यादा, कम को लग रहे आयरन इंजेक्शन
अस्पताल में रोजाना 100 से 150 महिला मरीजें एनीमिया से ग्रसित मिल रहीं
बरेली, अमृत विचार। जिला महिला अस्पताल में आने वाली अधिकतर मरीज एनीमिया से ग्रसित मिल रही हैं। ओपीडी में रोजाना 300 से 400 मरीज आती हैं, इनकी जांच में 100 से 150 में खून की कमी मिलती है। इन मरीजों को आयरन सुक्रोज का इंजेक्शन लगाने के आदेश हैं लेकिन सप्ताह में सिर्फ चार से पांच मरीजों को ही इंजेक्शन लग रहे हैं, जिससे इलाज प्रभावित हो रहा है।
करीब एक साल से जिला महिला अस्पताल की ओपीडी और आईपीडी की जिम्मेदारी निजी मेडिकल कॉलेज से प्रशिक्षण लेने आए प्रशिक्षु डॉक्टरों के हाथों में हैं। शासन स्तर से प्रशिक्षु डॉक्टरों को मरीजों के पर्चे पर इंजेक्शन लिखने का अधिकार नहीं है। वहीं सप्ताह के अधिकांश दिनों में स्थाई डॉक्टर गायब रहते हैं जिससे मरीजों को सुविधा नहीं मिल पा रही है।
अधिकारी बोले भर्ती मरीज को लगाया जाता है इंजेक्शन
अधिकारियों के अनुसार अस्पताल में हर महीने करीब 500 से 700 गर्भवती महिलाएं भर्ती होती हैं। जांच में हर दूसरी मरीज में एनीमिया की पुष्टि हो रही है। अगर प्रसव एक दो दिन बाद किया जा सकता है तो गर्भवती को एएनसी वार्ड में भर्ती कर आयरन सुक्रोज इंजेक्शन के साथ इलाज दिया जाता है। जिससे मरीज के शरीर में दो दिन में ही खून की कमी की त्वरित पूर्ति होती है।
अस्पताल में जिन मरीजों को आवश्यकता होती है उन्हें आयरन सुक्रोज इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। अधिक से अधिक मरीजों को इसका लाभ दिया जाए इसके लिए संबंधित को आदेशित किया जाएगा। -डॉ. त्रिभुवन प्रसाद, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल
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