मीरगंज में सबसे बड़ी हार पर फिर सिर फुटव्वल, क्षेत्र अध्यक्ष बोले- नेताओं ने ही कई प्रधानों को भाजपा में कराया था शामिल

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार: लोकसभा चुनाव होते ही सपा में फिर सिर फुटव्वल शुरू हो गई है। सर्वाधिक आरोप-प्रत्यारोप मीरगंज विधानसभा क्षेत्र को लेकर लग रहे हैं जहां सपा प्रत्याशी को सबसे ज्यादा करीब 27 हजार वोटों के अंतर से इस चुनाव में पराजय मिली है। मीरगंज विधानसभा क्षेत्र प्रभारी ने तो नेताओं पर चुनाव से पहले दर्जनों प्रधानों को भाजपा में शामिल करा देने तक का आरोप लगाया।

नेहरू युवा केंद्र में बृहस्पतिवार को हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में मीरगंज विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष सुरेश गंगवार ने मंच से ही कहा कि नेताओं का रवैया कार्यकर्ताओं के प्रति ठीक नहीं रहा। इसके बावजूद मीरगंज से सपा को 93 हजार वोट मिले जबकि 2019 में 72 हजार वोट ही मिले थे। मीरगंज में सबसे बड़ी हार पर वह इस्तीफा दे सकते हैं लेकिन व्यवस्था भी देखनी चाहिए। 

सदस्यता अभियान के समय पूर्व विधायक को भोजीपुरा का प्रभारी बना दिया और चुनाव के समय फिर मीरगंज का प्रभारी बना दिया गया। उनके साथ रहने वाले दर्जनों प्रधानों को भाजपा में भेज दिया गया। बोले, चुनाव में किसी एक जाति पर आरोप नहीं लगना चाहिए। नेताओं को अपनी कार्यप्रणाली भी देखनी चाहिए। चुनाव जीत सकते थे लेकिन कार्यकर्ताओं को बस्ता तक नहीं मिला। मुस्लिम प्रधान भाजपा में चले गए, उन्हें किसी ने रोका तक नहीं।

हाजी गुड्डू ने भी पार्टी नेताओं को घेरा
शीशगढ़ के नगर पंचायत अध्यक्ष हाजी गुड्डू भी चुनाव बाद भड़के हुए हैं। उनका कहना है कि कहा जा रहा है कि पार्टी को मुसलमानों ने वोट नहीं दिया लेकिन हकीकत यह है कि जिस नेता को तरजीह दी गई, उस नेता के कई करीबी भाजपा में चले गए। बोले, मीरगंज के पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुदेश सिंह पीलीभीत में सपा प्रत्याशी का नामांकन कराने पीलीभीत गए थे लेकिन चार दिन बाद ही ताहिर खां के साथ भाजपा में चले गए। 

पूर्व विधायक के प्रतिनिधि तनवीर अहमद इदरीसी, पूर्व जिपं सदस्य वफाउर, जाकिर प्रधान और बेग इंटर कॉलेज के प्रबंधक भी भाजपा में शामिल हो गए। उन्हें भी रोकने की भी कोई कोशिश नहीं की गई। हाजी गुड्डू का कहना है कि शीशगढ़ कस्बे में 18 हजार वोट हैं, लेकिन यहां कोई वोट मांगने नहीं आया।

अब कहा जा रहा है कि वोट प्रतिशत कम क्यों हुआ। उन्होंने साफ किया कि यहां 18 में से 11 हजार वोट पड़े। इसमें नौ हजार सपा और भाजपा को सिर्फ 1363 वोट मिले हैं। पिछले चुनाव में भाजपा को 1470 वोट मिले थे।

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