माननीयों को सजा हुई तो यूपी में फिर होगा चुनावी संग्राम!

Amrit Vichar Network
Published By Ankit Yadav
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यूपी के 13 नये सांसदों पर गम्भीर मुकदमों पर चार्ज फ्रेम बना, कार्रवाई शुरू

दिलीप शुक्ला, अमृत विचार, जौनपुर। उत्तर प्रदेश में 18 वीं लोकसभा के लिए हुए आम चुनाव में तगड़ी हार का दंश झेलने वाली भाजपा को जल्द ही एक और मौका मिलने की सम्भावना प्रबल हो गई है। प्रदेश में 13 ऐसे नए माननीय हैं जिनपर पहले से ही घोटाले समेत विभिन्न गंभीर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। गम्भीर मामलों में आरोप तय हो गए हैं और कई मुकदमों में चार्ज फ़्रेम होने के बाद मुकदमे की शुरू हुई कार्रवाई में गवाह गुजरने पर बहस और फैसला होगा। यदि इन सभी 13 नव निर्वाचित सांसदों को दो साल से अधिक सजा हुई तो उनकी सदस्यता जाएगी, फ़िर प्रदेश में उन खाली सीटों पर मिनी चुनावी संग्राम की चौसर सजेगीl 

उत्तर प्रदेश की जिन सीटों के नये माननीयों के दिल्ली का सफ़र मुकदमों के चलते बाधित होता नज़र आ रहा है उनमें जौनपुर सीट से जीते सपा के सांसद बाबू सिंह कुशवाहा और गाज़ीपुर सीट से सांसद अफ़ज़ाल अंसारी का नाम अग्रणी है, हमारे विधि संवाददाता के अनुसार बाबू सिंह उर्फ़ चरण सिंह कुशवाहा पर एनआरएचएम में हज़ारों करोड़ के घोटाले समेत कुल लगभग 25 आपराधिक मुजदमे दर्ज़ हैं, इनमें आठ मामलों में आरोप तय बताए जा रहे हैं l सम्बन्द्ध कोर्ट में बाकी मुकदमों का चार्ज फ़्रेम बन गया है और मुकदमों की कार्रवाई (ट्रायल) भी शुरू हो गई हैl

अब बहस के बाद फैसला होगाl कमोबेस लगभग यही स्थिति बाकी एक दर्जन मनानीयों गाज़ीपुर से अफ़ज़ाल अंसारी, नगीना से चंद्रशेखर आज़ाद पर 36 मामले, सुल्तानपुर से राम भुआल निषाद पर आठ मामले, सहारनपुर से इमरान मसूद पर मनी लॉन्ड्रिंग केस, गाज़ीपुर से माफ़िया अफ़ज़ाल अंसारी पर पांच संगीन आपराधिक मामले, चंदौली से वीरेंद्र सिंह पर तीन मामले में एक में पूर्व से आरोप तय, आजमगढ़ से जीते धर्मेंद्र यादव पर चार मामले दर्ज हैं। इस तरह कुल एक दर्जन माननीय मुकदमों की गिरफ्त में हैं l इन्हें यदि दो साल से अधिक सज़ा हुई तो इनकी सदस्यता जाने के बाद इन सीटों पर उप चुनाव होंगेl 

विदित हो कि इस बार आम चुनाव में भी गृह मंत्री अमित शाह ने टिकट वितरण में गैर भाजपाई नेताओं को प्रत्याशी बनाया तो सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने (पीडीए) पिछड़ा, दलित अल्प संख्यक फार्मूला अपनाते हुए भाजपा को 37 और इंडिया गठबंधन के जरिये 46 सीटों पर पटखनी दी, सपा ने राहुल गाँधी के सम्विधान बचाओ के नारा का उपयोग तीसरे फेज का चुनाव बीतने पर तब किया जब मायावती ने अपने उतराधिकारी आकाश आनन्द को चुनावी प्रचार से रोक दियाl 

अबकी नहीं चूकेगी भाजपा, सीएम योगी के हाथ में होगी कमान

राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि आकाश आनन्द को बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती द्वारा अचानक रोके जाने और उनके खिलाफ सीतापुर में दर्ज हुए मुकदमे से दलित वोटर ही नहीं पार्टी के अन्य नेता, पदाधिकारी भी दिग्भ्रमित हो गए l यह तमाम नेता, कार्यकर्ता चुपचाप दलित मतदाताओं को संविधान बचाने के नाम पर भाजपा के खिलाफ़ और कांग्रेस- सपा के समर्थन में प्रचार शुरू कर दिया, नतीज़ा यह हुआ की चौथे से लेकर सातवें फेज़ तक कुल चार फेज़ में चुनाव परिणाम पलटने में इंडिया गठबंधन में वह सहयोगी बन गए,राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि यदि एक दर्जन सीटों पर उप चुनाव हुए तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बढ़ते दखल के कारण इस मिनी चुनाव की कमान मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथ होगी l वह 2027 में होने वाले विधान सभा चुनाव का ट्रायल मानकर पूरी ताकत लगा देंगे l 

अपनाएंगे (एएमपीडी) अगड़ा, अति पिछड़ा, दलित फार्मूला, हर सीट जीतकर उच्च सदन में बढ़ाएंगे भाजपा की संख्या

अबकी भाजपा भी अगड़ों के साथ मोस्ट बैकवर्ड और दलित को लेकर (एएमपीडी) फार्मूला बनाने की कवायद पर लग गई है l केंद्र सरकार के शपथ ग्रहण के तुरन्त बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ऐक्सन मोड में आ गए हैं l उन्होंने एक साल आगे तक स्कूल- कॉलेज की परीक्षाओं की तिथि 10 मई से पूर्व निर्धारित करने और खाली पदों को भरने, रुकी प्रतियोगी परीक्षाओं को शीघ्र कराने समेत अन्य सख्त कदम के जरिए विपक्ष सारे मुद्दे खत्म करने के संकेत दे दिए हैंl

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