Bareilly News: आर्य समाज अनाथालय प्रकरण की जांच के लिए अब बनी दो सदस्यीय कमेटी
बरेली, अमृत विचार। करीब 360 करोड़ की संपत्ति वाले आर्य समाज अनाथालय को यहां रह रही तमाम लड़कियों को जबरन बाहर निकालकर संदिग्ध तरीके से बंद किए जाने के मामले में प्रशासन दोबारा जांच कराएगा। इसके लिए एसडीएम सदर और डीपीओ की दो सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है जो कई बिंदुओं पर विस्तृत जांच करेगी। एडीएम प्रशासन ने जांच कमेटी को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है।
सिविल लाइंस में शहर के बीच 140 साल पुराना आर्य समाज अनाथालय करीब 42 बीघा जमीन पर बना हुआ है जिसकी अनुमानित कीमत 360 करोड़ है। कुछ समय पहले अनाथालय की प्रबंध कमेटी ने नियमावली के खिलाफ गुपचुप ढंग से उसे बंद करने की शुरुआत कर दी। आरोप है कि इसके लिए कई विभागों के अधिकारियों से भी साठगांठ की गई।
पिछले साल तक अनाथालय में 50-60 बालिग और नाबालिग लड़कियां रह रही थीं जिन्हें कुछ महीने जबरन निकालना शुरू कर दिया गया। फरवरी 2024 में एक साथ 20 से ज्यादा लड़कियों को निकाल दिया गया। अब अनाथालय में तीन बालिग लड़कियां ही बची हैं। लड़कियों का आरोप है कि सभी लड़कियों पर भयभीत करके अनाथालय छोड़ने के एग्रीमेंट कराए गए थे। उनसे भी 30 जून तक अनाथालय से जाने का एग्रीमेंट साइन कराया गया है लेकिन अपनी सुरक्षा और भरण-पोषण का बंदोबस्त होने तक वे यहां से नहीं जाना चाहतीं।
इस बीच प्रबंध कमेटी की ओर से सफाई दी गई कि वह अनाथालय की जगह गुरुकुल खोलना चाहती है लेकिन जब यह साफ हुआ कि गुरुकुल खोलने के लिए उसके पास न कोई बजट है न कोई योजना तो वह और ज्यादा सवालों में घिर गई। इस बीच ये भी आरोप लगने शुरू हो गए कि अनाथालय की जमीन पर कुछ माफिया की नजर है और सबकुछ एक साजिश के तहत हो रहा है।
इसके बाद पिछले दिनों डीएम रविंद्र कुमार ने एडीएम प्रशासन दिनेश को जांच कराने का आदेश दिया था। उन्होंने डीपीओ मोनिका राणा से जांच कराई थी लेकिन अब डीएम के निर्देश पर विस्तृत जांच के लिए एसडीएम सदर रत्निका श्रीवास्तव और डीपीओ मोनिका राणा की दो सदस्यीय समिति का गठन किया है।
एडीएम प्रशासन ने बताया कि इससे पहले जांच में वह जरूरी पत्रावलियों को नहीं देख पाए थे। दो सदस्यीय समिति को विस्तृत जांच करने को कहा गया है। सभी बिंदुओं पर जांच करके एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है।
अनाथ लड़कियों से मंत्री-प्रधान ने की बदसलूकी, धमकाया
अनाथालय में रह रही तीन अनाथ लड़कियों को निकालने के लिए अब प्रबंध कमेटी उनके साथ बदसलूकी करने पर उतर आई है। इनमें से एक मंजू पाल ने डीएम को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है। उसका कहना है कि सोमवार शाम अनाथालय के प्रधान ओमकार आर्य और मंत्री विनय सक्सेना ने उसे दफ्तर में बुलाकर बदसलूकी की। यह तक कहा कि जॉब चाहिए तो डीएम के पास जा, वही तुझे अपनी सेक्रेट्री बनाएंगे।
मंजू पाल के मुताबिक सोमवार शाम करीब 5:55 बजे उसे मंत्री विनय सक्सेना ने बुलाया था। वह पहुंची तो कार्यालय में प्रधान और कमेटी के और पदाधिकारी भी मौजूद थे। मंत्री ने पहले दिए गए नोटिस और एग्रीमेंट का हवाला देते हुए उसे अनाथालय खाली करने को कहा। मंजू के मुताबिक उसने यह कहकर इन्कार किया कि उसके पास न कोई नौकरी है न रहने का ठिकाना।
वह यहां बचपन से रह रही है, जब तक आत्मनिर्भर नहीं हो जाती, तब तक नहीं जाएगी। इस पर मंत्री ने अभद्र व्यवहार करते हुए सबसे सामने धमकी दी की उसे हर हाल में अनाथालय खाली करना पड़ेगा। आरोप है कि यह भी कहा कि तुम लोग कुछ नहीं कर पाओगी। डीएम के पास जाओ या कोर्ट में, तुम लोगों पर खर्च करने के लिए अनाथालय के पास कुछ नहीं है। जॉब चाहती हो तो डीएम के पास जाओ, वही तुम्हें अपनी सेक्रेट्री बनाएंगे। इसके बाद धमकाते हुए कार्यालय से भगा दिया।
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