Sambhal News : देश को आजादी दिलाने को अंग्रेजों की सही यातनाएं, इंदिरा गांधी ने किया था सम्मानित
श्याम लाल मौर्य का फाइल फोटो
चन्दौसी/कुढ़फतेहगढ़। भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए देश भक्तों ने अंग्रेजी सरकार की यातनाएं सहन की। वर्षों जेल में बिताए। मगर देश को आजाद कराकर ही दम लिया। ऐसे ही एक देश भक्त थे स्वंतंत्रता सेनानी श्याम लाल मौर्य पुत्र नन्हे सिंह निवासी गांव रीठ थाना कुढ़फतेहगढ़। इनका जन्म साधारण किसान परिवार में 1918 में हुआ और मृत्यु 1993 में हुई। देश की आजादी में बड़ा योगदान दिया। पढ़ाई करने के बाद यह कृषि के साथ-साथ पान की दुकान करते थे।
सन 1942 में श्याम लाल मौर्य व उनके साथी रीठ के बाजार में एकत्र होकर अंग्रेजों के खिलाफ रणनीति बना रहे थे। तभी अंग्रेजी सिपाहियों ने इन्हें व साथियों को पांच अप्रैल 1942 में गिरफ्तार कर लिया। सभी को मुरादाबाद स्थित कारागार में डाल दिया। अंग्रेजी सिपाहियों द्वारा कारागार में बंद रहने के दौरान अनेक यातनाएं दी गई। मगर इन्होंने हिम्मत नहीं हारी। जेल बाहर निकलने के बाद फिर से देश को आजाद कराने में जुट गए।
इंदिरा गांधी ने किया था सम्मानित
स्वतंत्रता सेनानी श्याम लाल मौर्य ने देश की आजादी में बढ़-चढ़कर योगदान दिया। इससे प्रभावित होकर 1974 में भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्वतंत्रता सेनानी को ताम्र पत्र भेंट कर सम्मानित किया था।
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