Kanpur: घरों में पढ़ाई का माहौल, डरा रहा एग्जाम फोबिया, दिनचर्या में बदलाव से तनाव में अभिभावक
कानपुर, अमृत विचार। बोर्ड परीक्षाएं शुरू होते ही घरों का माहौल बदल गया है। टीवी, मोबाइल पर रोक है, आना-जाना बंद हो गया है। इसके चलते बच्चों के साथ अभिभावक भी तनाव में आ गए हैं। मनोवैज्ञानिक इसे ‘इग्जाम फोबिया’ बताते हैं।
शहर में लगभग सवा लाख बच्चे एक महीने तक विभिन्न बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं देंगे। इसे लेकर बच्चों के साथ अभिभावक भी परेशान हैं। मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक उनेक पास तनाव बढ़ने के रोज 4 से 6 मामले आ रहे हैं। ऐसे में बच्चों के साथ ही अभिभावकों की भी काउंसिलिंग करनी होती है। कई बार बच्चों की समस्या बताते हुए अभिभावक आपस में झगड़ पड़ते हैं। एक दूसरे को घर के माहौल का जिम्मेदार ठहराते हैं। यही एग्जाम फोबिया है।
जरूरत से ज्यादा घर में शांति, हर समय पढ़ाई का दबाव, मनोरंजन से मनाही, बच्चों के मोबाइल फोन पर रोक व एग्जाम के कारण बाहर आना-जाना बंद करना, इसके प्रमुख कारण हैं। इसके चलते घर के सदस्यों के मस्तिष्क से ‘हेप्पी हार्मोंस’ बनना बंद हो जाते हैं। मतभेद बढ़ जाते हैं। रिश्तों में तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार इससे बचने के लिए हर समय परीक्षा की चर्चा न करें, घर में कठिन अनुशासन लागू करने से बचें, मनोरंजन बिल्कुल बंद न करें
परीक्षा के दौरान अभिभावकों का बर्ताव बच्चे के लिए खास महत्व रखता है। परीक्षा के समय व उससे पहले घर में अनावश्यक थोपा गया अनुशासन बच्चों को तनाव व अवसाद से ग्रसित कर सकता है। - डॉ. एलके सिंह, मनोवैज्ञानिक परीक्षण व परामर्श केंद्र
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