पावर कार्पोरेशन के निजीकरण पर प्रदर्शन : फैसला नहीं वापस हुआ तो होंगे गंभीर परिणाम

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Published By Vinay Shukla
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Ayodhya, Amrit Vichar:  पावर कार्पोरेशन के निजीकरण को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति अब आरपार लड़ाई के मूड में आ गई है। समिति के अयोध्या जोन संयोजक रघुवंश मणि ने स्पष्ट कहा कि यदि फैसला वापस नहीं होता तो गंभीर परिणाम होंगे। 

शुक्रवार को यहां आयोजित विरोध सभा में उन्होंने कहा कि केवल एक शहर आगरा के निजीकरण से पावर कारपोरेशन को प्रतिवर्ष सैकड़ो करोड रुपए का घाटा उठाना पड़ रहा है । पॉवर कारपोरेशन आगरा में निजी कम्पनी को बिजली देने में ही अब तक 2434 करोड रुपए का घाटा उठा चुका है। कहा कि सरकारी वितरण निगम केस्को के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए उपभोक्ताओं और कर्मचारियों के व्यापक हित में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का फैसला तुरंत वापस लिया जाए।

कहा पावर कॉरपोरेशन को जहां आगरा की निजी कंपनी टोरेंट पावर से प्रति यूनिट बिजली का 4.36 रुपए मिल रहा है वहीं सरकारी क्षेत्र की केस्को से प्रति यूनिट 7.96  रुपया मिल रहा है जो आगरा में निजी कम्पनी से मिलने वाले 4.36 प्रति यूनिट की तुलना में 3.60 रुपये प्रति यूनिट अधिक है। संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण का नया निर्णय लेने के पहले आगरा और ग्रेटर नोएडा में निजीकरण के चलते पॉवर कारपोरेशन को हो रहे घाटे की समीक्षा किया जाना बहुत जरूरी है। विरोध सभा में बड़ी संख्या में कर्मचारी आदि मौजूद रहे।

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