आई परीक्षा की घड़ी, बच्चे न करें हड़बड़ी: कानपुर में यूपी बोर्ड परीक्षा आज से शुरू, 24 घंटे कंट्रोल रूम से निगरानी
कानपुर, अमृत विचार। यूपी बोर्ड परीक्षा सोमवार से शुरू हो गई। शहर में 123 केंद्रों पर 94 हजार से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए है। इस बार छात्र-छात्राएं जूते पहनकर परीक्षा दे सकेंगे। परीक्षा के दौरान केंद्र के आसपास फोटो कॉपी की दुकानें बंद रही।
काउंसलरों ने परीक्षार्थियों को हड़बड़ी न करने की सलाह दी है। कहा है कि शांत मन से पहले प्रश्नपत्र को पूरा पढ़ें और जो सवाल ठीक से आते हों पहले उन्हें हल करें। आत्मविश्वास बनाए रखें। न घबराएं और न हड़बड़ाएं। वहीं, कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने एक परीक्षा केंद्र का जायजा भी लिया।

10 जोन, 20 सेक्टर में बांटी व्यवस्था
यूपी बोर्ड परीक्षा को 10 जोन और 20 सेक्टर में बांटा गया है। निगरानी और पारदर्शिता के लिए 10 जोनल मजिस्ट्रेट, 4 रिजर्व जोनल मजिस्ट्रेट, 20 सेक्टर मजिस्ट्रेट तथा 4 रिजर्व सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं।
24 घंटे कंट्रोल रूम से निगरानी
बोर्ड परीक्षा की सीसीटीवी के जरिए कंट्रोल रूम से 24 घंटे निगरानी की जाएगी। कंट्रोल रूम से संपर्क कर परीक्षा संबंधी समस्याएं पंजीकृत कराई जा सकेंगी।
8887923328- ऑफ लाइन कंट्रोल रूम नंबर
9936656626 - ऑनलाइन कंट्रोल रूम
पुरुषों से महिला कक्ष निरीक्षक ज्यादा
परीक्षा संचालन में 7,949 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इनमें 4130 महिला शिक्षक कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी करेंगी, जबकि 3819 पुरुष शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक का काम सौंपा गया है। माध्यमिक कालेजों से 5489 शिक्षकों तथा बेसिक स्कूलों से 2460 शिक्षक-शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगाई गई है।
बच्चों को समय दें, बर्ताव पर रखें नजर
बोर्ड परीक्षाओं के दौरान मनोवैज्ञानिक बच्चों पर पढ़ाई का दबाव देखते हुए अभिभावकों को सतर्क रहने की नसीहत दे रहे हैं। उनका कहना है कि इस समय बच्चों को समय देना बहुत जरूरी है। बच्चों के साथ मित्रवत बर्ताव से उनका तनाव कम होता है। बच्चों को परीक्षाएं बोझिल न लगे इसके लिए उनके साथ लगातार बातचीत करना जरूरी है।
इन बातों का रखें ख्याल
- घर में मित्रतापूर्ण व्यवहार रखें
- बहुत अधिक परीक्षा की चर्चा न करें
- कठिन अनुशासन से बचना चाहिए
- बच्चों को पढ़ाई तक सीमित न रखें
- मनोरंजन के लिए थोड़ा समय निकालें
परीक्षा के दौरान अभिभावकों का बर्ताव घर व बच्चे के लिए खास महत्व रखता है। परीक्षा के समय बच्चों को पर्याप्त समय दिया जाना बेहद जरूरी है। अनावश्यक थोपा गया अनुशासन बच्चों को तनाव व अवसाद से ग्रसित कर सकता है।- डॉ. एलके सिंह, मनोवैज्ञानिक परीक्षण व परामर्श केंद्र
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