कासगंज: ढाई साल में 17 सौ किड़नी के मरीजों की हो चुकी डायलिसिस, सिर्फ खर्च करना है 1 रुपये

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Published By Vikas Babu
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कासगंज, अमृत विचार: जिला अस्पताल में दस बेड की डायलिसिस यूनिट किडनी रोगियों के लिए वरदान साबित हो रही है। किट सहित सभी खर्च कंपनी ही वहन करेगी। किडनी रोगियों को सिर्फ एक रुपये का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बदायूं, फर्रुखाबाद, एटा, हाथरस, अलीगढ़ के मरीजों को लाभ मिल रहा है। प्रतिदिन तीन शिफ्टों में 30 मरीजों की डायलिसिस हो रही है।

जिले में 2 लाख 25 हजार की आबादी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। वैसे तो जिला अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा बीती 14 जुलाई 2022 से शुरू हो चुकी है। अस्पताल में दस बेड की यूनिट लगी हुई है। प्रतिदिन तीन शिफ्टों में 30 मरीजों की डायलिसिस की जा रही है।

डायलिसिस का लाभ लेने के लिए पड़ोसी जनपद फर्रुखाबाद, बदायूं, एटा, हाथरस के अलावा अलीगढ़ जनपद के किडनी के मरीज डायलिसिस कराने के लिए पहुंच रहे हैं। मात्र एक रुपये के रजिस्ट्रेशन में मरीजों की डायलिसिस की जा रही है। डायलिसिस शुरू होने से लोगों की सुबह से ही भीड़ लग जाती है। डायलिसिस सेंटर के प्रभारी डॉ. विशाल ने बताया कि एक रुपये की पर्ची पर डायलिसिस करने की सेवा यहां मुफ्त में दी जाती है। कंपनी किट का खर्च वहन करती है। एक डायलिसिस करने में चार घंटे का समय लग जाता है। तीन शिफ्टों में 30 मरीजों की डायलिसिस हो जाती है। ढाई साल में 1700 किडनी मरीज डायलिसिस का लाभ ले चुके हैं।

डायलिसिस कराने वाले मरीज जिला अस्पताल में पहुंचकर निशुल्क विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं। विशेषज्ञ मरीज को डायलिसिस की जरूरत होने पर चिह्नित करेंगे, जिसके बाद मरीज यूनिट में आकर निशुल्क डायलिसिस के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकेगा।

अधिक जानकारी के लिए अस्पताल में संपर्क करें
डायलिसिस पूरी तरह निशुल्क है। रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ ही मरीज को एक तिथि और समय बता दिया जाएगा। वह निर्धारित समय में डायलिसिस यूनिट पहुंचकर निशुल्क सुविधा का लाभ ले सकेगा। मरीज को कहीं भी किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना है। अधिक जानकारी के लिए मरीज अस्पताल में संपर्क कर सकते हैं।

कासगंज में डायलिसिस शुरू होने से बड़ी राहत मिली है। पहले पैसा भी खर्च होता था, और समय भी बर्बाद होता था, लेकिन यहां शुरू होने से किडनी के मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं- प्रेमनंदन, निवासी दरियावगंज, कासगंज।

पहले कानपुर और सैफई के लिए डायलिसिस कराने के लिए जाना पड़ता था, दो दिन खराब हो जाते थे, लेकिन कासगंज में यूनिट चालू होने से समय की बचत हुई है। वह पांच साल से डायलिसिस करा रहे हैं- संजय कुमार, किडनी मरीज, कायमगंज, फर्रुखाबाद।

अन्य जिलों से आने वाले किसी भी मरीज को निराश नहीं किया जाता है। सभी से अपील की जा रही है कि जो भी डायलिसिस के लिए परेशान है, वे कासगंज आ सकते हैं। मानव सेवा करना ही सबसे बड़ा पूनीत का काम है- डॉ. विशाल माहेश्वरी, यूनिट प्रभारी।

जिले में 10 बेड की डायलिसिस यूनिट तैयार है। प्रतिदिन 30 मरीजो की डायलिसिस हो रही है। अधिकांश मरीज अन्य जनपदो से आ रहे हैं। एक रुपए की पर्ची पर फ्री में डायलिसिस की जा रही है। अगर किसी को कोई परेशानी है, तो वह संपर्क कर सकता है- डॉ. संजीव सक्सेना, सीएमएस, जिला अस्पताल।

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