होलिका दहन का मुहूर्त रात 11.26 से 12.18 तक; इतने बजे तक रहेगी भद्रा करण, परिक्रमा के समय यह डालने से आती सुख-समृद्धि...
कानपुर, अमृत विचार। भद्रा करण समाप्त होने पर गुरुवार रात्रि 11.26 के बाद होलिका दहन होगा। होलिका दहन के बाद परिवार सहित परिक्रमा करना शुभ होता है। परिक्रमा के समय होलिका में चना, मटर, गेहूं, अलसी डालने से सुख-समृद्धि आती है।
ज्योतिषाचार्य पं. मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी व पूर्णिमा तिथि दोनों 13 मार्च गुरुवार को रहेगी। सुबह 10.35 तक चतुर्दशी इसके बाद पूर्णिमा तिथि शुरू होगी। भद्रा करण सुबह 10.35 से रात 11.26 तक रहेगी। ऐसे में होलिका दहन गुरुवार रात्रि 11.26 के बाद होगा। व्रत की पूर्णिमा भी 13 मार्च को रहेगी।
उन्होंने बताया कि धर्मशास्त्रों में भद्रा में होलिका दहन निषेध माना गया है। भद्रा के बाद ही होलिका दहन धर्मसम्मत है। होलिका दहन का मुहूर्त 11.26 से रात 12.18 मिनट तक रहेगा। 14 मार्च को पुण्यदायिनी फाल्गुनी पूर्णिमा दोपहर 12.23 तक रहेगी। इसके बाद चैत्र कृष्ण प्रतिपदा प्रारंभ होगी। इस तरह 14 मार्च दोपहर के बाद रंग वाली होली होगी।
