Kanpur: गलत रिपोर्ट पर जवाब नहीं दे सकीं समाज कल्याण अधिकारी, जिलाधिकारी ने फटकारा, दोबारा होगी जांच

Kanpur: गलत रिपोर्ट पर जवाब नहीं दे सकीं समाज कल्याण अधिकारी, जिलाधिकारी ने फटकारा, दोबारा होगी जांच

कानपुर, अमृत विचार। फिरोजपुर यूनिवर्सिटी (पंजाब) में अध्ययनरत तीन दशमोत्तर छात्रों को छात्रवृत्ति न मिलने पर समाजकल्याण अधिकारी शिल्पी सिंह ने सहयोगी बाबू व कंप्यूटर आपरेटर को दोषी करार दे दिया। दोनों के खिलाफ कार्रवाई की फाइल जिलाधिकारी को भेज दी। गलत जांच रिपोर्ट के खिलाफ दोनों कर्मचारी शुक्रवार जनता दर्शन में हाजिर हो गए और बताया कि उन्हें झूठा फंसाया जा रहा है। इससे नाराज जिलाधिकारी ने समाजकल्याण अधिकारी को मौके पर बुलाकर फटकारा। मामले की ठीक से जांच के लिए एसीएम तीन की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की और दो सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट मांगी है। 

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने 15 दिन पहले सीएम डैश बोर्ड समीक्षा के दौरान समाजकल्याण विभाग की लापरवाही से 697 छात्रों की छात्रवृत्ति अटकने का मामला पकड़ा था। छात्रों का नुकसान देख जिलाधिकारी ने शासन को पत्र लिखकर पोर्टल खोलने को कहा था। जिसपर शासन ने एक दिन के लिए पोर्टल खोलने की अनुमति दी और छात्रों का डाटा अपलोड हो सका। इस मामले में सीडीओ दीक्षा जैन को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए थे। वहीं फिरोजपुर शहीद भगत सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले तीन छात्र अभिषेक सिंह, सौरभ गुप्ता और श्लोक कुमार के अभिलेख पोर्टल पर अपलोड नहीं किए गए। जिससे सभी छात्र छात्रवृत्ति से वंचित रह गए। इस मामले में समाजकल्याण अधिकारी ने पटल बाबू के साथ सहयोगी और आपरेटरों को नोटिस देकर जवाब मांगा। 

इसके बाद जांच पूरी दिखाकर एकतरफा सहयोगी बाबू सुनील कुमार व ऑपरेटर रितेश को दोषी बना दिया। पटल बाबू व अन्य को छोड़ दिया गया। जांच रिपोर्ट गुपचुप जिलाधिकारी के यहां भेज दी। पूरे मामले की भनक लगने पर दोनों कर्मी हकीकत बताने के लिए जनता दर्शन पहुंच गए। इधर, जिलाधिकारी ने समाजकल्याण अधिकारी को भी बुलाकर पूछताछ की तो वह सही जवाब नहीं दे पाईं। इस पर जिलाधिकारी ने छात्रवृत्ति में बरती गई लापरवाही की जांच के लिए एसीएम तीन अविचल प्रताप सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय और जिला दिव्यांग कल्याण अधिकारी को नामित किया है। दो सप्ताह में जांच रिपोर्ट मांगी है। 

तीनों छात्रों की छात्रवृत्ति अटकने में समाजकल्याण अधिकारी की ओर से गलत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी। दोषी बनाए गए कर्मियों अपनी बात रखी है। जांच रिपोर्ट संदिग्ध लगने पर दोबारा कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। उसके बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी। - जितेंद्र प्रताप सिंह, जिलाधिकारी

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