हमीरपुर : बिवांर कस्बे के बंद घर में मिला युवक का शव
शव से आ रही थी तेज दुर्गंध, दो से तीन दिन पहले मौत का अनुमान, पड़ोसी महिला की सूचना पर मोहल्ले वालों की जुटी भीड़

हमीरपुर, अमृत विचार। कस्बे के एक बंद मकान में सोमवार को युवक शव बरामद होने से हड़कंप मच गया। पड़ोसी महिला की सूचना पर मोहल्ले वालों की भीड़ जुट गई। पुलिस ने जब दरवाजा खोला तो शव से तेज दुर्गंध आ रही थी। पुलिस ने प्रारंभिक छानबीन के बाद अत्यधिक शराब पीने से दो से तीन दिन पहले मौत होने की आशंका जताई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
कस्बे के मिनी ब्लॉक के पास रहने वाला बाबू उर्फ महेंद्र कुमार वर्मा (30) पेंटिंग का काम कर जीवन-यापन करता था। मौजूदा समय में वह घर में अकेला ही रहता था। दिन भर पेंटिंग का काम कर अपना गुजर-बसर करता था। पड़ोसियों की मानें तो पिछले दो-तीन दिन से बाबू मोहल्ले में दिखाई नहीं पड़ा, लेकिन लोगों ने उसके बारे में ज्यादा गौर नहीं किया। बताते हैं कि सोमवार को पड़ोसी रामाधार की पत्नी शिवकुमारी अपने मकान की छत पर गई थी। तभी आंगन से उसकी नजर औंधे मुंह पड़े बाबू पर पड़ी।
शिवकुमारी ने फौरन नीचे पहुंचकर पड़ोसियों को जानकारी दी। इसके बाद आसपास के लोगों की भीड़ जुट गई। कुछ लोगों ने अंदर जाकर देखा तो बाबू की मौत हो चुकी थी और शव से तेज दुर्गंध आ रही थी। उसके चेहरे पर चोट के निशान भी थे। मामले की सूचना मिलने पर बाबू का मामा मूलचंद आया और उसने थाने में सूचना दी। सूचना मिलते ही थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और प्रारंभिक छानबीन की।
थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि शव दो से तीन दिन पुराना प्रतीत हो रहा है। शव फूल जाने के कारण उससे दुर्गंध भी आने लगी है। छानबीन में पता चला है कि बाबू शराब पीने का आदी था, जिससे अत्यधिक शराब पीने के कारण उसकी मौत होने का अंदेशा है। उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु का कारण स्पष्ट हो सकेगा।
शराब की लत से परेशान था परिवार
बताते हैं कि बाबू का पूरा परिवार गांव में ही रहता था, लेकिन बाबू की शराब पीने की लत और उसकी आदतों से परेशान होकर परिवार के लोग कुछ दिन पहले मजदूरी करने के लिए दिल्ली चले गए थे। घर में बाबू के साथ पत्नी सरिता अपने एक बेटे के साथ रहती थी। बाबू शराब के नशे में आए दिन पत्नी के साथ मारपीट करता था, जिससे आहत होकर पत्नी सरिता भी अपने पुत्र को लेकर सास के पास चली गई थी। इस समय बाबू गांव में अकेला ही था।
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