शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में NFS हो समाप्त, राज्यमंत्री ने उच्च शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर दिए कई विकल्प

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में व्याप्त ‘नॉट फाउंड सूटेबल’ (एनएफएस) की व्यवस्था पर समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने चिंता जताई है। इस संबंध में उन्होंने मंगलवार को उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय से मुलाकात कर नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने तथा एनएफएस व्यवस्था को समाप्त करने का आग्रह किया। इस दौरान डॉ. रवि प्रकाश, प्रो. एसएस गौरव, प्रो.एके भारतीय, प्रो.नितिन गर्ग भी मौजूद रहे।

इस दौरान असीम अरुण ने कहा कि बड़ी संख्या में योग्य अभ्यर्थियों को बिना स्पष्ट कारण एनएफएस घोषित कर दिया जाता है, जिससे आरक्षित वर्गों के प्रतिभाशाली अभ्यर्थी चयन से वंचित हो रहे हैं। वर्तमान में राज्य में आरक्षित वर्गों में कई शिक्षकों के पद रिक्त हैं, लेकिन एनएफएस जैसी अपारदर्शी व्यवस्था के चलते इन पदों को नहीं भरा जा पा रहा।

मनमाने प्रयोग पर लगे रोक

राज्यमंत्री ने इस व्यवस्था को समाप्त करने के लिए तीन प्रमुख सुझाव भी दिए। इनमें एनएफएस को सीमित और कारण सहित किया जाए। शासनादेश जारी कर मनमाने प्रयोग पर रोक लगाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि चयन प्रक्रिया में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) व राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के दिशा निर्देशों का अनुपालन अनिवार्य किया जाए। हर अभ्यर्थी के शैक्षणिक अंकों, शोध कार्य, लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के अंक दर्ज किए जाएं, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। इसके साथ ही साक्षात्कार के साथ वीडियो रिकॉर्डेड डेमो क्लास को अनिवार्य करने की मांग भी रखी, जिससे चयन प्रक्रिया जांच योग्य बनेगी।

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