बदायूं: गन्ना खेती से किसानों का मोहभंग...रकबा 2550 हेक्टेयर घटा
जिले में 14 फीसद कम हुआ गन्ने की खेती का रकबा,सर्वे रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े
बदायूं, अमृत विचार। जिले में गन्ना खेती से किसानों का रुझान लगातार घटता जा रहा है। एक मई से 30 जून तक चले गन्ना सर्वेक्षण कार्य में सामने आया है कि इस बार गन्ने का रकबा 2550 हेक्टेयर घटकर महज 16,018 हेक्टेयर रह गया है। पिछले वर्ष यह आंकड़ा 18,577 हेक्टेयर था। यानी करीब 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
गन्ना विभाग ने शासन के निर्देश पर जिले की सभी चीनी मिलों के क्षेत्रों में यह सर्वे कराया। दो महीने चले इस सर्वे में किसानों की गन्ना खेती से दूरी के पीछे की प्रमुख वजह समय पर भुगतान न मिलना और गन्ना मूल्य में वृद्धि न होना सामने आई है। कई किसान अब अन्य फसलों की ओर रुख कर चुके हैं। जिला गन्ना अधिकारी अशर्फी लाल ने बताया कि इस बार सर्वे में सबसे कम रकबा बिसौली चीनी मिल का पाया गया, जहां गन्ना रकबा 1540 हेक्टेयर रहा जो पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत कम है। वहीं बदायूं सहकारी चीनी मिल का रकबा 342 हेक्टेयर रहा, जो 9 प्रतिशत की कमी दर्शाता है।
गन्ना रकबा – मिलवार आंकड़े
चीनी मिल रकबा (हेक्टेयर)
बदायूं 3410
बिसौली 7345
करीमगंज 889
न्योली 2450
फरीदपुर 74
रजपुरा 1161
मझावली 692
कुल 16018
पिछले वर्षों की तुलना:
-2022-23 : 20,098 हेक्टेयर
-2023-24 : 21,461 हेक्टेयर
-2024-25 (वर्तमान) : 18,577 हेक्टेयर
-2025-26 (इस साल का सर्वे) : 16,018 हेक्टेयर
गन्ना छोड़ रहे किसान, ये हैं मुख्य कारण
- गन्ना भुगतान में लगातार हो रही देरी
- कई वर्षों से गन्ना मूल्य में कोई खास वृद्धि नहीं
- 0238 प्रजाति के गन्ने में हर साल लगने वाला ''रेड रॉट रोग''
- खेती में लगातार नुकसान के चलते किसान अन्य फसलों की ओर
जिला गन्ना अधिकारी अशर्फी लाल ने बताया कि जनपद में साल दर साल गन्ना खेती का रकबा कम होता जा रहा है। इस साल के सर्वे में मात्र 16,018 हेक्टेयर गन्ना रकबा सामने आया है। यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। समय पर भुगतान न मिलना और गन्ना मूल्य न बढ़ना मुख्य वजह है।
