सपा को 33 प्रतिशत वोट... भाजपा के लिए खतरे की घंटी, BJP प्रदेश अध्यक्ष का जल्द घोषित होगा चुनाव कार्यक्रम
आज से दिल्ली में संघ के दिग्गजों की अहम बैठक, यूपी के लिए भी होगा इशारा
लखनऊ, अमृत विचार : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर जल्द चुनाव कार्यक्रम घोषित हो सकता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में लगभग सहमति बन चुकी है। 22 राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष चुनाव का कार्य पूरा होने से अब सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण यूपी का चुनाव पूरा करना है। शुक्रवार से तीन दिन तक संघ की दिल्ली में बड़ी बैठक से यूपी के लिए भी इशारा होना तय माना जा रहा है।
भाजपा के साथ संघ भी यूपी में वर्ष 2027 के विधानसभा के आम चुनाव के मद्देनजर बेहद संवेदनशील और सतर्क है। बीते लोकसभा चुनाव में हर स्तर पर सपा-कांग्रेस से मजबूत तैयारी के बावजूद जब मतों की गिनती शुरू हुई थी, तो भाजपा के हाथ से यूपी निकलता दिखा था। मोदी-योगी जैसे नेतृत्व के होते हुए भी सपा-कांग्रेस का इंडी गठबंधन 43 सीटें जीतने में कामयाब रहा, जिसमें अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा की सर्वाधिक 37 सीटें थीं। मुलायम सिंह यादव की जब तूती बोलती थी, तब भी यूपी में इतना शानदार प्रदर्शन कभी नहीं हुआ था।
अगला विधानसभा चुनाव भी सपा-कांग्रेस मिलकर लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे में मुसलमानों का एकजुट वोट बिखरने की कोई सूरत नजर न आने से भाजपा का पूरा फोकस सपा के पीडीए फार्मूले के साथ बसपा के वोटबैंक में बड़ी सेंध लगाने की रणनीति पर है। इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर पिछड़ा या दलित जाति से दमदार व असरदार चेहरा होना जरूरी है। ताकि दौड़-भाग करने में योगी से पीछे न रहे। इसे लेकर कई नामों पर मंथन हो चुका है। लेकिन संघ ने साफ ताकीद कर रखी है कि ऐसा कोई चेहरा न हो, जो योगी से गुटबाजी करता दिखे। इसीलिए 4 जुलाई से संघ की दिल्ली में अपनी कोर ग्रुप की बैठक में यूपी प्रदेश अध्यक्ष के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर भी नाम तय हो सकता है।
सपा को 33 प्रतिशत वोट भाजपा के लिए खतरे की घंटी
सपा को 33 प्रतिशत से अधिक वोट मिलना, आज भी भाजपा के लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं है। जबकि इसके पहले वर्ष 2019 में बसपा के साथ होने के बावजूद वोट ट्रांसफर नहीं हुआ था। हालांकि जब सपा का जलवा था, तब वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान 35 सीटें मिलीं थी, लेकिन वोट प्रतिशत सिर्फ 26 था, जबकि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो सपा को 32 प्रतिशत वोट मिले थे।
मानसून सत्र से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की तैयारी
भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र शुरू होने के पहले तक मिल सकता है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे भाजपा राज्यों के साथ तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी, मिजोरम, अंडमान निकोबार का प्रदेश अध्यक्ष चुनाव संपन्न होने के बाद अब भाजपा के 37 राज्यों में से 22 राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। ऐसे राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है। भाजपा के इतिहास में यह पहला मौका है कि जब किसी राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, इतने लंबे समय तक नया अध्यक्ष नहीं चुना गया है।
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