लखीमपुर खीरी : बच्चे की हत्या से भड़के संगठनों ने किया हंगामा, चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर

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Published By Pradeep Kumar
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एसडीएम और प्रभारी निरीक्षक से हुई नोकझोंक, आरोपियों के घर को घेरा

निघासन अमृत विचार: कोतवाली निघासन की पुलिस चौकी झंडी के गांव जुम्मन पुरवा उर्फ रघुवर नगर में अनुसूचित जाति के आठ साल के बच्चे की हत्या से गुस्साए भीम आर्मी, बजरंग दल आदि संगठनों के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शुक्रवार को गांव पहुंचे और हत्या जमकर हंगामा किया। इस दौरान उनकी एसडीएम और पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हुई। उन्होंने पूरे गांव में घूमकर नारेबाजी की। गुस्साए लोग हत्यारोपियों की गिरफ्तारी और चौकी इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। एसपी ने चौकी इंचार्ज झंडी दुर्गेश शर्मा को लाइन हाजिर कर दिया है। पूरे दिन गांव में बवाल चलता रहा। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उधर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बालक की मौत की वजह हैंगिंग आई है। हालांकि शव पर चोटों के दो निशान पाए गए हैं।पोस्टमार्टम के बाद घर लाए गे शव का परिवार वाले अंतिम संस्कार नहीं कर रहे थे। करीब तीन घंटे मशक्कत के बाद उनको किसी तरह अंतिम संस्कार के लिए पुलिस और प्रशासन ने राजी किया। भीम आर्मी की तरफ से एसडीएम को पांच सूत्रीय मांगपत्र दिया गया है।

गांव जुम्मनपुरवा निवासी जमुना का आठ साल का पुत्र पप्पू गुरुवार शाम गांव में ताजियों का सातवीं का जुलूस देखने गया था। इसके बाद वह देर शाम तक घर नहीं पहुंचा। तलाश के दौरान उसका शव घर से कुछ दूर केले के एक खेत में लगे बबूल के पेड़ से दुपट्टे के सहारे लटकता पाया गया। जमुना का आरोप है कि गांव के नय्यूम व कय्यूम से उसका जमीनी विवाद चल रहा है। नय्यूम ने गांव के ही जाहिद, मुमताज, छोटे समेत कुछ अन्य साथियों के साथ मिलकर पप्पू की हत्या की और शव को फंदे से लटका दिया।

पीड़ित परिवार ने झंडी पुलिस चौकी इंचार्ज दुर्गेश शर्मा पर दूसरे पक्ष की मदद करने का आरोप लगाया। रात करीब 11 बजे एएसपी पूर्वी पवन गौतम और एसडीएम राजीव निगम गांव पहुंचे। करीब दो घंटे समझाने के बाद शव नीचे उतारकर पुलिस पोस्टमार्टम के लिए भेज सकी थी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर हत्या और एससीएसटी एक्ट की रिपोर्ट दर्ज कर चारों आरोपियों को हिरासत में ले लिया।शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पप्पू की मौत का कारण हैंगिंग आया है। उसके शरीर पर दो चोटों के निशान भी मिले हैं। एसपी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। चारों आरोपी पुलिस की हिरासत में हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है। एसपी संकल्प शर्मा ने बताया कि चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। अगर चौकी इंचार्ज का दोष सामने आता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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पूरे दिन गांव में चलता रहा बवाल, पुलिस व प्रशासनिक अफसरों का छूटा पसीना 
शुक्रवार को पूरा दिन जुम्मन पुरवा गांव में बवाल होता रहा। इस बवाल के पीछे पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई। दो समुदायों के बीच का मामला होने के बावजूद गांव में पुलिस तब पहुंची जब वहां बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। हालात बेकाबू देख निघासन के अलावा, पढ़ुआ, सिंगाही, तिकुनियां, मझगईं और शारदानगर आदि थानों के पुलिस बुलानी पड़ी। गांव पहुंचे बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। पूरे गांव में नारेबाजी करते हुए आरोपी के घर पहुंचकर उन्होंने प्रदर्शन किया। करीब एक घंटे बाद पहुंचे पुलिस अफसरों ने उनको समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह लोग शांत नहीं हुए। उनका कहना था कि मिले हुए बसे जुम्मनपुरवा में केवल चार घरों को छोड़कर बाकी आबादी दूसरे समुदाय की है। इस कारण वे कम तादाद वाले लोगों को परेशान करते रहते हैं। बजरंग दल कार्यकर्ताओं में रवि विश्वकर्मा, रचित शुक्ला, विशेष पांडे, अंकित वर्मा, लव सागर आदि आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग करते रहे। उधर भीम आर्मी के कौशल आंबेडकर, दीपक जाटव, रवि जाटव आदि कार्यकर्ता भी गांव पहुंच गए। उन्होंने भी पीड़ित परिवार के समर्थन में नारेबाजी की। उन्होंने परिवार वालों को हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया।

खेतों के रास्ते शव लेकर गांव पहुंची पुलिस
गांव में बढ़े तनाव और हंगामे के कारण पुलिस ने लोगों को चकमा दिया। सीओ महक शर्मा समेत तमाम पुलिसकर्मी झंडी चौराहा पर मुस्तैद रहे। इससे लोगों को आभास हुआ कि शव झंडी चौराहा से ही गांव लाया जाएगा, लेकिन पुलिस लोगों को चकमा देकर पप्पू का शव खेतों में होते हुए गांव पहुंचा दिया।शव आने के बाद घरवालों न उसका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। बजरंग दल और भीम आर्मी समेत घरवालों को शव का अंतिम संस्कार करने को राजी करने के लिए एसडीएम, सीओ आदि अफसरों को कई घंटे मशक्कत करनी पड़ी। निघासन चेयरमैन बद्रीप्रसाद मौर्य भी संवेदना जताने परिवार से मिले। करीब तीन घंटे चली बातचीत के बाद शाम करीब साढ़े पांच बजे भीम आर्मी के लोगों ने एसडीएम को मांगपत्र सौंपा। इसमें मुख्यमंत्री कोष से परिवार को पचास लाख रुपए की मदद दिलाने, डीएम से पांच लाख की मदद, परिवार को एक एकड़ जमीन और एक आवास दस दिनों में देने, फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर दोषियों को सजा दिलाने और परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिस मुहैया कराने की मांगें रखी गई हैं। 

परिवार के लोगों ने सार्वजनिक भूमि से आरोपियों का अवैध कब्जा हटवाने और एससीएसटी एक्ट के तहत सरकारी सहायता दिलाने की मांग की थी। इस पर सहमति जताने के बाद उन्होंने अंतिम संस्कार के लिए हामी भर दी। -राजीव निगम एसडीएम, निघासन।

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