बहराइच: उपनिदेशक पंचायत के आश्वासन पर खत्म हुआ धरना, डीएम की कार्यशैली के विरोध में लामबंद हुए थे कर्मचारी

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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बहराइच। जिलाधिकारी के खिलाफ सोमवार को विकास भवन में अधिकारी और कर्मचारी लामबंद हो गए। जिले भर से जुटे पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों ने मोर्चा खोलते हुए जमकर नारेबाजी की। सभी डीएम के स्थानांतरण की मांग कर रहे थे। मंगलवार को पुनः धरना प्रदर्शन शुरू हुआ।

शासन के निर्देश पर गोंडा मंडल के उप निदेशक पंचायत गिरीश चंद्र रजक ने मौके पर पहुंच कर लोगों को एक सप्ताह में कार्रवाई आश्वासन देकर धरना खत्म कराया। कलेक्ट्रेट में तीन दिन पूर्व आयोजित समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी मोनिका रानी ने विभागीय अधिकारियों की रिपोर्ट तलब की। आरोप है कि बैठक के दौरान ही जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी सर्वेश पांडेय को अपशब्द कहते हुए मीटिंग से भगा दिया। 

इसके बाद जिला विकास अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी भी इज्जत बचाने के लिए कार्यालय से बाहर निकल गए। प्रताड़ना और जिलाधिकारी द्वारा कहे अपशब्द से अधिकारी और कर्मचारी नाराज हो गए। सभी ने उत्तर प्रदेश राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ, पंचायत सचिव, ग्राम विकास अधिकारी के बैनर तले धरना शुरू कर दिया। विकास भवन में एकत्रित कर्मचारियों और अधिकारियों ने डीएम के खिलाफ नारेबाजी की। 

सुबह से शुरू हुए हड़ताल में हजारों कर्मचारी एकत्रित रहे। अधिकारी और कर्मचारी डीएम के स्थानांतरण या सार्वजनिक माफी की मांग पर अड़े हुए हैं। मंगलवार को पुनः सभी ने धरान प्रदर्शन शुरू किया। सुबह 11.30 बजे उप निदेशक पंचायती गिरीश चंद्र रजक मौके पर पहुंचे। 

उन्होंने कहा कि सभी मामले की जानकारी शासन को है। शासन की ओर से एक सप्ताह में कार्यवाई का आश्वासन दिया गया है। इस पर धरना खत्म कर दिया गया। इस दौरान डीपीआरओ, एडीओ पंचायत, सफाई कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष, सचिव संघ जिलाध्यक्ष, रोजगार सेवक संघ जिलाध्यक्ष समेत अन्य कर्मचारी मौजूद हैं।

वार्ता के लिए मुख्य सचिव ने बुलाया लखनऊ

जिले में धरना प्रदर्शन को देखते हुए शासन ने संज्ञान लिया है। मुख्य सचिव ने डीपीआरओ समेत पांच सदस्यीय टीम को वार्ता के लिए लखनऊ बुलाया। सचिव ने वार्ता कर सभी मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को देने की बात कही।

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