Bareilly: मंडल में अब ''संजय'' ऐप से थमेंगे सड़क हादसे...IIT मद्रास संभालेगी कमान
बरेली, अमृत विचार। मंडल की सड़कों पर होने वाले हादसों को आईआईटी मद्रास नियंत्रित करेगी। इसके लिए ''संजय'' एप लांच किया है। यह ऐप आईआईटी मद्रास के सेंटर आफ एक्सीलेंस फार रोड सेफ्टी ने तैयार किया है। आरटीओ प्रवर्तन प्रणब झा ने गुरुवार को सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में मंडलायुक्त के समक्ष इस ऐप का प्रस्तुतीकरण किया था। इसके बाद इसे ट्रायल के तौर पर शुक्रवार को मंडल में शुरू कर दिया गया। कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने मंडल के सभी डीएम को ऐप के माध्यम से सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
आरटीओ प्रर्वतन प्रणब झा ने बताया कि ''संजय'' ऐप सड़क हादसों की रोकथाम में सरकारी एजेंसियों और आपातकालीन चिकित्सा के ढांचे की सहायता करेगा। इस ऐप को आईआईटी मद्रास ने सड़क सुरक्षा में लोकेशन इंटेलिजेंस प्लेटफार्म के रूप में तैयार किया है, जो सड़कों पर पहले से मौजूद जोखिम वाले स्थलों यानि ब्लैक स्पॉट और भविष्य में सड़क सुरक्षा के लिए खतरा बनने की आशंका वाले स्थानों का डाटा आधारित विश्लेषण करने में सक्षम है। यही नहीं, इस ऐप के माध्यम से पुलिस और ट्रैफिक विभागों के साथ ही अस्पताल और ट्रामा सेंटर यह समझ सकेंगे कि उन्हें सड़क हादसों को रोकने के लिए किसी खास जगह पर क्या इंतजाम करने हैं। कहा कि मंडल में इसका सफल प्रयोग होने के बाद इसे दूसरी जगहों पर भी अपनाया जा सकता है।
ऐप पर दर्ज करनी होगी पूरी जानकारी
संजय ऐप को हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषा में लागू किया है। इस ऐप की पूरी जिम्मेदारी पुलिस-आरटीओ पर रहेगी। किसी भी सड़क पर दुर्घटना के बाद मोबाइल एप्लीकेशन में पूरी डिटेल फीड करनी होगी। दुर्घटना का समय, तारीख, लोकेशन, एक्सीडेंट वाली गाड़ियों की डिटेल और नुकसान समेत कई जानकारी देनी होंगी। एप पर दुर्घटना के फोटो और वीडियो भी भेजने होंगे। एप के जरिये डाटा आईआईटी मद्रास पहुंचेगा। इसके बाद दुर्घटना वाली सड़क और जगह का विश्लेषण किया जाएगा। सड़क पर यदि कोई खामियां पाई गईं तो उसे सुधारने के सुझाव दिए जाएंगे।
ऐप की यह होगी मुख्य विशेषताएं
जिला मजिस्ट्रेट समग्र नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे। जो, ऐप उपयोग करने वालों की सूची बनाकर आईआईटी मद्रास के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रोड सेफ्टी (सीओईआरएस) को अधिकृत पत्र के साथ भेजेगा। इसके बाद सीओईआरएस ऐप का उपयोग करने वालों के क्रेडेंशियल्स तैयार कर ईमेल से भेजेगा। फील्ड स्तर पर क्रेडेंशियल्स बनाने की जिम्मेदारी भी जिला स्तर पर नोडल अधिकारियों को सौंपी जाएगी।
