रामपुर: बिना किसी जुर्म के जेल में काटे तीन साल...11 साल बाद चोरी के मामले में बरी

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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रामपुर, अमृत विचार। खजुरिया पुलिस की लापरवाही के चलते शीशगढ़ निवासी कमर अहमद कोई बिना जुर्म किए 11 साल तक कोर्ट कचहरी  के चक्कर काटता रहा। आखिरकार कोर्ट ने उसको साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। जिसके बाद उसने राहत की सांस ली है। जबकि उसने तीन साल सजा भी काटी।

शीशगढ़ निवासी निवासी कमर अहमद को खजुरिया पुलिस ने बाइक चोरी के मामले में 2014 में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कागजी कार्रवाई करने के बाद उसे जेल भेज दिया था। 3 साल की जेल काटने के बाद कमर अहमद जमानत पर आ गया था। कई बार वारंट पर उसे दोबारा भी जेल भेजा गया, लेकिन कमर अहमद का कहना है कि उसने जिस जुर्म को नहीं किया। उसके बाद भी सजा काटनी पड़ी।

उसने इस मामले में अधिवक्ता अकील अहमद को अपना अधिवक्ता चुना। जहां उसने सारा मामला अधिवक्ता को सुनाया। फिर अधिवक्ता ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केस लड़ा। जहां 11 साल तक चली कानूनी लड़ाई में आखिरकार साक्ष्य के अभाव के कमर अहमद को कोर्ट ने बरी कर दिया। अधिवक्ता अकील अहमद ने बताया कि पुलिस के गवाह घटना को साबित नहीं कर सके की मोटरसाइकिल का स्वामी कौन था और कहां से चोरी हुई थी। जिसका न्यायालय द्वारा विरोध किया गया। 11 साल बाद पीड़ित कमर अहमद को दोषमुक्त कर दिया।

केस से मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई
पीड़ित कमर अहमद ने बताया कि 2014 में जब मेरे खेलने कूदने की उम्र थी, दाढ़ी मूंछे भी नहीं आई थी। उस समय पुलिस ने चोरी के केस में जेल भेज दिया था। इस केस से मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई। बहुत परेशानी का दौर गुजरा। आज तक फिल्मों में देखा था अब जेल काटी तो जेल में परेशानी देखी बहुत बुरी परेशानी होती है। मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई अब मैं यही चाहता हूं कि मुझे चैन सुकून से रहने दिया जाए।

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